HIV Patients: रायगढ़ में डरा रहा एचआईवी संक्रमण का आंकड़ा; 6 महीने में 76 नए केस आए सामने, 22 गर्भवती महिलाएं भी संक्रमित

HIV Infection in Raigarh: पिछले 9 सालों में रायगढ़ में 443 पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जिनमें 35 नाबालिग, 22 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं. वहीं पिछले 6 महीने में 76 नए मरीज सामने आए हैं.

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HIV Infection in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एचआईवी संक्रमण के हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इन आंकड़ों ने जन जागरूकता अभियान और सरकारी योजनाओं के प्रति लोगों में सजगता की पोल खोल कर रख दी है. पिछले 9 सालों में जिले में 443 पॉजिटिव मरीज मिले हैं - इनमें 35 नाबालिग, 22 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि सिर्फ इस साल के 6 महीने में ही 76 नए मरीज सामने आए हैं, जो बीते 8 सालों का रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं. 

रायगढ़ जिला अस्पताल का ये नजारा सिर्फ एक स्वास्थ्य केंद्र नहीं, बल्कि जिंदगी की उम्मीदों का ठिकाना है. यहां रोजाना दर्जनों लोग एचआईवी की जांच और इलाज के लिए पहुंचते हैं. साल 2017 से 2025 तक के आंकड़े बताते हैं कि जिले में अब तक 443 लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें 30 से अधिक नाबालिग, 22 गर्भवती महिलाएं, 120 से अधिक नवयुवा और 250 से अधिक 25 से अधिक उम्र के महिला और पुरुष शामिल हैं, जिनका इलाज रायगढ़ के केजीएच एआरटी सेंटर में चल रहा है.

बीते 9 साल से लगातार बढ़ रहा HIV मरीजों का ग्राफ'

  • 2017- 40 केस
  • 2018- 28 केस
  • 2019- 35 केस
  • 2020- 23 केस
  • 2021- 28 केस
  • 2022- 48 केस
  • 2023- 69 केस
  • 2024- 76 केस
  • 2024-25 (6 माह): 76 केस

'हर साल बढ़ता ग्राफ – जागरूकता के बावजूद खतरा कायम'

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, अब हर बीमारी की जांच में एचआईवी टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है. यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि संक्रमण का पता शुरुआती दौर में लग सके, लेकिन कई लोग अब भी सोशल स्टिग्मा और पहचान उजागर होने के डर से सरकारी जांच केंद्रों में नहीं आते, बल्कि प्राइवेट क्लीनिकों में गुपचुप टेस्ट कराते हैं, जिससे असली आंकड़े सामने नहीं आ पाते.

हमारी टीम ने कुछ नवयुवाओं से बात की और जानने की कोशिश की कि युवा पीढ़ी एचआईवी संक्रमण के बारे में कितनी जानकारी रखते हैं और ये बीमारी कैसे फैलता है और लोग कितने जागरूक हैं....

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फिलहाल रायगढ़ जिला अस्पताल के एआरटी सेंटर में  रोजाना दर्जनों मरीज काउंसिलिंग और इलाज के लिए आते हैं. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पिछले 6 महीने में 76 नए केस सामने आए हैं- जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है.

एचआईवी संक्रमण के लक्षण

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि असुरक्षित यौन संबंध, जागरूकता की कमी और लापरवाही...  इस संक्रमण के प्रमुख कारण हैं. कई युवा आधुनिक जीवनशैली की आड़ में इस बीमारी के शिकार हो रहे हैं. शुरुआती लक्षणों में बुखार, गले में खराश, थकान, या बार-बार संक्रमण होना शामिल है. टेस्ट कराना ही एकमात्र तरीका है जिससे बीमारी का जल्द पता लगाया जा सकता है.

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गर्भवती महिलाओं में एचआईवी

9 साल में 36,000 से अधिक महिलाओं का एचआईवी टेस्ट किया गया, जिसमें 22 गर्भवती महिलाएं पॉजिटिव निकली. वर्तमान में  सभी का इलाज केजीएच एआरटी सेंटर में जारी है.

सरकार की ओर से हर साल जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन लोगों की लापरवाही और समाज में फैले डर के कारण संक्रमण की रफ्तार कम नहीं हो रही, लेकिन शायद लोगों में जागरूकता की कमी है और वो ये नहीं जानते कि ये सामान्य जांच है- जल्दी पता चल जाए तो इलाज आसान हो जाएगा. एचआईवी से डरने की नहीं, समझने की जरूरत है. सुरक्षित जीवनशैली और नियमित जांच ही इस बीमारी से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है. 

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