Baloda Bazar हिंसा के बाद डिप्टी सीएम शर्मा ने माना, सही है कानून व्यवस्था पर उठने वाले सवाल

Chhattisgarh News: बीते दिनों बालौदा बाजार में हुई हिंसा को लेकर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा का बड़ा बयान सामने आया. उन्होंने कानून व्यवस्था की गलती को स्वीकार किया.

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गृह मंत्री ने दिया बालौदा बाजार को लेकर बयान

Deputy CM on Baloda Bazar Case: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री (Home Minister) विजय शर्मा (Vijay Sharma) ने खुलकर बयान दिया. उन्होंने किसी पर आरोप-प्रत्यारोप ना करते हुए प्रदेश की कानून व्यवस्था (Law and order) की गलती मानी और आगे की अपनी तैयारियों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि एसपी और कलेक्टर की घोर लापरवाही के कारण ऐसी घटना हुई है. बता दें कि बीते दिनों जिले के एसपी और कलेक्टर ऑफिस को कुछ प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया था. इसके बाद मामले ने बहुत तूल पकड़ा था.

जारी है जांच-विजय शर्मा 

छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बालौदा बाजार मामले में बयान दिया. उन्होंने कहा कि घटना के बाद एसपी और कलेक्टर को निलंबित कर दिया गया है. उनकी घोर लापरवाही की वजह से ही ऐसी घटना हुई है. इस घटना के बाद पुलिस महकने में पूरी तरह से सजग है. गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा, 'इस घटना के बाद कानून व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी है. गृह मंत्री होने के बाद भी मैं इस बात को कह रहा हूं. प्रदेश के सभी जिलों में क्या स्टैंडर्ड प्रोसेसिंग होनी चाहिए, इस पर काम हो रहा है.'

ये था पूरा मामला

बीते 15 और 16 मई की रात कुछ अज्ञात लोगों ने बलौदा बाजार के गिरौदपुरी धाम के पवित्र अमर गुफा में स्थित ‘जैतखंभ' की तोड़फोड़ की थी. दरअसल, इस 'जैतखंभ' को सतनामी समाज एक पवित्र प्रतीक के रूप में पूजता है. वहीं तोड़फोड़ के बाद सतनामी समाज ने इस बात पर आपत्ति जताई थी और सरकार से सीबीआई जांच की मांग की थी. हालांकि इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया था.

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वहीं, मांग पूरी नहीं होने पर सतनामी समाज ने 10 जून को बलौदा बाजार के दशहरा मैदान में विरोध-प्रदर्शन और कलेक्टर ऑफिस के घेराव का आह्वान किया था. विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ एकत्र हुई. जैसे ही प्रदर्शनकारी कलेक्टर ऑफिस को ओर बढ़े, पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया. इस दौरान दोनों पक्षों में झड़प हो गई. देखते ही देखते विरोध-प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया और गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कलेक्ट्रेट ऑफिस में आग लगा दी.

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