आधी रात को प्रशासन पहुंचा तो बारात के साथ भागा दूल्हा! सूरजपुर में 16-15 साल की लड़कियों की शादी कराने वालों को ऐसे मिला सबक

Child Marriage in Surajpur: छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा बाल विवाह सूरजपुर जिले में होते हैं. यहां तमाम सख्ती के बावजूद ऐसे मामले रुक नहीं रहे हैं. सोमवार रात को भी यहां तीन जगहों पर बाल विवाह की शिकायत मिलने पर प्रशासन एक्शन में आया और इसे रुकवाया. इस दौरान प्रशासनिक टीम ने दो नाबालिगों को रेस्क्यू भी किया.

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Child Marriage in CG: तमाम जागरुकता अभियानों और कानूनों के बावजूद छत्तीसगढ़ में बाल विवाहों पर लगाम नहीं लगी है. ताजा मामला सूरजपुर जिले से सामने आया है. सोमवार को ही 24 घंटे में प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए  तीन अलग-अलग स्थानों पर हो रहे बाल विवाह रोके. इस दौरान टीम को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. एक जगह पर भेद खुलने पर दूल्हा बैंड बाजा और बाराती के साथ उल्टे पांव भाग खड़ा हुआ. ये सारी कार्रवाई सूरजपुर कलेक्टर एस. जयवर्धन के निर्देश पर हुई.जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू और संयुक्त टीम ने नाबालिग लड़कियों को रेस्क्यू भी किया है.आगे बढ़ने से पहले जान लेते हैं कि सूरजपुर और पूरे राज्य में बाल विवाह के आंकड़े क्या हैं?  

 बता दें कि सोमवार रात करीब 9 बजे प्रशासन को किसी ग्रामीण ने सूचना दी कि भटगांव थाना क्षेत्र के एक गांव में दो नाबालिग बहनों की शादी कराई जा रही है. सूचना के मुताबिक बड़ी बहन की शादी हो रही थी और उसी के साथ छोटी बहन जो अभी कक्षा 8 में पढ़ती है उसकी शादी की भी तैयारी की जा रही थी. सूचना के बाद जिला कार्यक्रम अधिकारी ने संयुक्त टीम का गठन किया. इसके बाद रात 11 बजे जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल व उनकी टीम मौके पर पहुंची. उन्होंने पाया कि गांव में बारात लग चुकी थी, घर में रिश्तेदारों की भीड़ थी, और डीजे पर नाच-गाना चल रहा था. 

रात में ही स्कूल ने निकाला गया रिकॉर्ड 

अधिकारियों की टीम के पहुंचते ही घराती और बाराती आंगन में इकट्ठा हो गए. अधिकारियों ने जब लड़कियों के उम्र संबंधी दस्तावेज मांगे तो कहा गया कि सारे दस्तावेज दीमक चट कर गए हैं. इसके तुरंत बाद BEO भैयाथान से संपर्क किया गया और रात में ही स्कूल से रिकॉर्ड निकलवाया गया. जिसके बाद खुलासा हुआ कि बड़ी बहन 16 साल की है, जबकि छोटी बहन 15 साल से भी कम उम्र की है.   

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सुरजपुर के भटगांव थाना क्षेत्र में हो रहे बाल विवाह को रोकने पहुंची टीम को भारी मशक्कत करनी पड़ी

लड़कियों ने भी की बरगलाने की कोशिश

पूछताछ के दौरान लड़कियां एक ही लड़के से शादी की बात कहती रहीं, लेकिन जब उनके हाथों की मेहंदी देखी गई, तो सच्चाई सामने आ गई. दोनों के हाथों पर अलग-अलग लड़कों के नाम लिखे थे. इसके बाद जब अधिकारियों ने दबाव बढ़ाया तो आखिरकार लड़कियों ने स्वीकार किया कि उनकी शादी कराई जा रही थी. इतना होते ही दूल्हे और बाराती डीजे और गाड़ियों के साथ मौके से भाग निकले. हालांकि लड़कियों के घरवाले शादी कराने पर अड़े थे, लेकिन टीम ने सख्ती दिखाई और देर रात 2 बजे तक चली मशक्कत के बाद लड़कियों को सखी वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया. 

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रामानुजनगर और ओडगी में भी रोके गए बाल विवाह

इसी तरह प्रशासन को सूचना मिली कि रामानुजनगर थाना क्षेत्र और ओडगी ब्लॉक के एक गांव में भी नाबालिग लड़कियों की शादी कराई जा रही है. इस पर तत्काल दोनों जगहों पर टीम रवाना की गई.टीम ने रामानुजनगर में ग्रामीणों को समझाइश दी और बाल विवाह को रोका. इसी तरह दूरस्थ ओडगी गांव में 17 वर्षीय लड़की की शादी होने वाली थी, जिसे प्रशासन ने समय रहते रोक लिया. 
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