CG News: धमतरी में तेंदूपत्ता तोड़ने गई महिला को हाथी ने कुचल कर मार डाला, डरावने हैं आंकड़े

Elephant attacks in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ सरकार के वन विभाग के पास 2022 का ही डाटा है. वहीं सरकार के आंकड़ों के मुताबिक ही पूरे देश में पिछले साल हाथियों के हमले में 600 लोगों से ज्यादा की मौत हो चुकी है.

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Elephant Attack News: धमतरी जिले के केरेगांव वन परिक्षेत्र में तेंदूपत्ता तोड़ने गई महिला को हाथी ने कुचल कर मार डाला, मृत महिला का नाम सुरेखाबाई सूर्यवंशी है. यह महिला ग्राम डोकाल की रहने वाली थी. जिस महिला की मौत हुई वह सुबह के 5 बजे अपने पति के साथ तेंदूपत्ता तोड़ने जंगल गई हुई थी. तेंदूपत्ता तोड़ते वक्त अचानक से जंगल में पहुंचे हाथी ने सुरेखा बाई पर हमला कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई. इसके बाद स्थानीय ग्रामीणों ने इस घटना की जानकारी वन विभाग (Forest Department) और  केरेगांव थाना पुलिस टीम (Police Team) को दी. वहीं मौके पर पहुंचे वन अमले व पुलिस की टीम ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल (District Hospital) रवाना कर दिया है.

छत्तीसगढ़ के इन क्षेत्रों में है हाथियों का आतंक

छत्तीसगढ़ के सरगुजा (Surguja), जशपुर (Jashpur),रायगढ़ (Raigarh), कोरबा (Korba), सूरजपुर (Surajpur), अंबिकापुर (Ambikapur) और बलरामपुर (Balrampur) में हाथियों का आतंक चरम पर है. एक्सपर्ट्स की मानें तो हाथियों और इंसानों के बीच बढ़ते टकराव की मुख्य वजह है घटते जंगल और इनकी वजह से हाथियों को होने वाली खाने की समस्या. फरवरी में ही बलरामपुर के वाड्रफनगर में हाथियों ने 10 दिनों तक तोड़फोड़ मचाई.

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2002 में राज्य में जगंली हाथियों की संख्या महज 32 थी जो अब बढ़कर 350 से 400 के बीच पहुंच चुकी है. WWF की रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में फिलहाल 50 हजार हाथी बचे हैं उनमें से भी 60 फीसदी भारत में हैं.

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सरकार के पास हैं 2022 के आंकड़े

छत्तीसगढ़ सरकार के वन विभाग के पास 2022 का ही डाटा है. वहीं सरकार के आंकड़ों के मुताबिक ही पूरे देश में पिछले साल हाथियों के हमले में 600 लोगों से ज्यादा की मौत हो चुकी है. प्रदेश में हाथियों का आतंक इस कदर है कि 2018 में ही सरकार ने इससे निपटने के लिए आकाशवाणी से 'हाथी समाचार' का प्रसारण भी होता है.

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