Election Commission Of India: 4 जून को आए 18 वीं लोकसभा चुनाव के परिणामों में लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला, प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ भी ले ली है. प्रधानमंत्री मोदी को शपथ लिए 6 महीने गुजर भी चुके हैं, लेकिन दिलचस्प ये है कि चुनाव आयोग को अभी तक फुरसत नहीं मिल पाई है कि वह 18वीं लोकसभा चुनाव परिणामोंं का वास्तविक आकंड़ा जारी सके.
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18वीं लोकसभा चुनाव में हुए मतदान का आरंभिक और अंतिम आकंड़ा नहीं जारी किया
दरअसल, चुनाव आयोग ने एक आरटीआई के जवाब में खुलासा किया है कि अभी तक 18वीं लोकसभा चुनाव के सात चरणों में हुए मतदान का आरंभिक और अंतिम आकंड़ा जारी नहीं किया हैं. जबकि प्रधानमंत्री मोदी को शपथ लिए छह महीने पूरे हो चुके हैं. चुनाव आयोग का यह जवाब हास्यास्पद लग सकता है लेकिन सच यही है.
रायपुर के आरटीआई एक्टिविस्ट नितिन सिंह ने चुनाव आयोग से पूछा था आंकड़ा
गौरतलब है लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव सुर्खियों में राजनीतिक पार्टी के साथ चुनाव आयोग भी सुर्खियों में रहता है. RTI के सवाल पर चुनाव आयोग की ओर से दिया गया जवाब उसकी कार्यशैली पर सवाल खड़ा जरूर करता है. यह आरटीआई रायपुर के एक RTI एक्टिविस्ट नितिन सिंह ने किया था.
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आरंभिक और अंतिम मतदान का विवरण आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं
आरटीआई एक्टिविस्ट नितिन सिंह ने बताया कि 18वीं लोकसभा चुनाव में सात चरणों के मतदान के चरणवार आरंभिक और अंतिम विवरण आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है. लोकसभा चुनाव 2024 के चरणवार आरंभिक और अंतिम आंकड़ों की जानकारी के लिए उन्होंने आयोग को आरटीआई किया था, लेकिन जवाब से हैरान रह गए.
जारी है लोकसभा चुनाव 2024 के सांख्यिकीय आंकड़ों की जांच व सत्यापन कार्य
दरअसल, मतगणना के बाद 6 महीने पूरे हो चुके हैं, लेकिन आज भी लोकसभा आम चुनाव, 2024 के सांख्यिकीय आंकड़ों की जांच और सत्यापन का कार्य प्रकिया में है और कार्य पूरा होने के बाद ही सही और अंतिम सांख्यिकीय आंकड़े आयोग की वेबसाइट पर उपलोड किए जाएंगे, जिसे कोई भी अपनी सुविधानुसार ढूंढ सकता है और विश्लेषण कर सकता है.
सवाल, सत्यापन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई तो अपलोड आंकड़ों का आधार क्या हैं?
उल्लेखनीय है निर्वाचन आयोग के जवाब पर सवाल खड़े होना लाजिमी है. केंद्रीय निर्वाचन आयोग में आंकडे नहीं हैं, तो,फिर सांख्यिकी आँकड़ों की जांच किस तरह कर रहे हैं ? आयोग के पास डाटा उपलब्ध नहीं था, सत्यापन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई तो अपलोड आंकड़ों का आधार क्या हैं? सवाल यह भी है कि फिर लोकसभा के परिणाम कैसे जारी हो हुए?
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