Anganwadi Centre in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धमतरी जिले (Dhamtari) में महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) आंगनबाड़ी केंद्रों में 'रेडी टू ईट फूड' के तहत गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार उपलब्ध करा रहा है. जिससे गर्भवती महिलाओं के साथ होने वाला बच्चा भी तंदुरुस्त हो सके. इस आहार को खाने से महिलाओं को प्रोटीन, विटामिन, कैलोरी, कैल्शियम, आयरन आदि मिलता है. बता दें कि जिले में कुल 1106 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, इनमें करीब 4940 गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार दिया जा रहा है.
महिलाओं को डिलीवरी के बाद मिलता है अलग आहार
जिले के आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 1, श्यामा प्रसाद मुखर्जी वार्ड की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हसमित कौर ने बताया कि यह आहार महीने के पहले मंगलवार को दो पैकेट और तीसरे मंगलवार को दो पैकेट दिया जाता है. इसमें महिलाओं को पोषण आहार के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है. एक पैकेट का 6 भाग बनता है और खाने की विधि भी बताई जाती है. इस आहार को खाने से वजन की स्थिति में सुधार होता है और यह आहार महिला और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है.
रेडी टू ईट फूड गर्भवती महिलाओं को अलग दिया जाता है और जिन महिलाओं की डिलीवरी हो जाती है उन्हें अलग आहार दिया जाता है. वहीं जो बच्चे 6 महीने के हो जाते हैं, उनके लिए अलग-अलग आहार भी आंगनबाड़ी केंद्र से दिया जाता है.
पौष्टिक आहार को लेकर महिलाओं ने जताई खुशी
वही आंगनबाड़ी केंद्र में मौजूद गर्भवती महिलाओं ने मिलने वाले पौष्टिक आहार को लेकर खुशी जाहिर की. गर्भवती महिला राधिका साहू ने बताया कि यह आहार खाने में बहुत ही स्वादिष्ट है और काफी फायदेमंद है. आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्भवती महिलाओं का बहुत ध्यान रखा जाता है. समय-समय पर महिलाओं के खून की जांच और हाइट के हिसाब से वेट की जांच की जाती है और आहार पर विशेष ध्यान रखा जाता है.
एक अन्य गर्भवती महिला सरस्वती फुटान ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में महिलाओं को मध्यान्ह भोजन गरमा गरम दिया जाता है. जिसमें चावल, रोटी, सब्जी, दाल, सोयाबीन की बड़ी खाने में दी जाती है. इसके साथ ही महिलाओं के आहार और स्वास्थ्य पर भी ध्यान दिया जाता है.
पोषण के साथ ही स्वास्थ्य का भी रखा जाता है ध्यान
महिला एवं बाल विकास अधिकारी जगरानी एक्का ने एनडीटीवी को बताया कि जिले में 1106 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिसमें 4940 गर्भवती महिलाएं हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों के द्वारा समय-समय पर महिलाओं को आहार देने के साथ ही उनके स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाता है. इसके साथ ही महिला एवं बाल विकास अधिकारी समय-समय पर जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्र में निरीक्षण के लिए भी जाती हैं, ताकि कोई गर्भवती महिला इस योजना से वंचित न हो सके.
महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने यह भी बताया कि यह आहार महिलाओं के लिए कितना जरूरी है. वहीं इस आहार को बनाने के लिए चना, गेहूं, मूंगफली, सोयाबीन, चीनी, सोयाबीन तेल, रागी, निर्धारित विटामिन और मिनरल प्रीमिक्स युक्त आहार है, जो महिलाओं और बच्चों के लिए काफी फायदेमंद है.
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