Naxalite Surrender : नक्सली कुनबे को लगा झटका, 17 नक्सलियों ने किया सरेंडर, लाखों का था इनाम 

CG Naxalite Surrender : बीजापुर में नक्सलियों के एक बड़े समूह ने सरेंडर किया है. मिली जानकारी के अनुसार, करीब 17 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. 

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17 Naxalite Surrender In  Bijapur : छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का हार्ड कोर एरिया कहे जाने वाले बीजापुर से बड़ी खबर है. करीब 17 नक्सलियों ने हिंसा के रास्ते को छोड़कर शांति का मार्ग अपना लिया है. गुरुवार को 17 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है. होली से पहले सरेंडर की खबर के फैलते ही नक्सलियों को झटका लगा है. सरेंडर करने वाले गंगालूर एरिया कमेटी के सचिव समेत अन्य सदस्य शामिल हैं. इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों के एक साथ सरेंडर को, सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता के रूप में माना जा रहा है. 

इन पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था

सुरक्षा बल के अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में डिविजनल कमेटी सदस्य दिनेश मोडियम ऊर्फ बदरू मोड़ियम (36) पर आठ लाख रुपये, उसकी पत्नी एरिया कमेटी सदस्य ज्योति ताती ऊर्फ कला मोड़ियम (32) और एरिया कमेटी सदस्य दुला कारम (32) पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था. अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में भीमा कारम (28), शंकर लेकाम (34), सोमा कारम (41), मंगू कड़ती (35), मोती कारम (30) और अरविंद हेमला (22) पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था.

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इन समूहों से जुड़े हुए थे सरेंडर करने वाले नक्सली 

उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में एक डिविजनल कमेटी सदस्य, दो एरिया कमेटी सदस्य, दो मिलिशिया प्लाटून कमांडर, जनताना सरकार का एक अध्यक्ष, दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन का एक सदस्य, पार्टी का एक सदस्य, क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन (केएएमएस) का अध्यक्ष, जनताना सरकार के दो उपाध्यक्ष, एक प्लाटून डिप्टी कमांडर, जनताना सरकार के चार सदस्य और एक जीपीसी सदस्य शामिल हैं. 

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ग्रामीणों तक पहुंच रही विकास की योजनाएं 

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में नवीन सुरक्षा कैम्प की स्थापना के साथ शासन की विकासोन्मुखी कार्य, सड़कों का विस्तार, परिवहन की सुविधा, पानी, बिजली और शासन की अन्य कल्याणकारी योजना ग्रामीणों तक पहुंचने लगी है. 

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नक्सलियों का माओवादी संगठन से मोहभंग हो रहा

उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों का ग्रामीणों के साथ हो रहे सकारात्मक संवाद, सामुदायिक पुलिसिंग के तहत दी जा रही. कल्याकारी योजनाओं की जानकारी और छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के व्यापक प्रचार-प्रसार से नक्सलियों का माओवादी संगठन से मोहभंग हो रहा है. 

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