छतरपुर : 20 किमी का सफर तय कर बच्चे कलेक्टर ऑफिस आए, कहा- सर ! पढ़ना चाहते हैं

दरअसल, गांव से शहर जोड़ने वाली सड़क के बीच में एक प्राइवेट जमीन पड़ती है. यह जमीन भारत सिंह नाम के शख्स की है. हाई कोर्ट में सुनवाई के बावजूद उनके हिस्से में फैसला गया है.

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छतरपुर जिले के ग्राम पंचायत ललौनी के राधे नगर गांव में बच्चों को पढ़ने की समस्या हो रही है. रास्ता नहीं होने के कारण यहां के स्कूल बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिला मुख्यालय से करीब 6 किमी की दूरी पर यह गांव है. यहां 1100 से ज़्यादा लोग रहते हैं, मगर दुर्भाग्य है कि यहां के लोगों को जिला पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है. देखा जाए तो शहर से गांव के बीच की दूरी महज 6 किमी है, मगर रास्ता नहीं होने के कारण 20 किमी का फासला तय करना पड़ता है.

स्कूली बच्चों ने किया विरोध

रास्ता नहीं होने के कारण स्कूली बच्चों को दिक्कत हो रही है. स्कूल नहीं खुलने के कारण 6 महीने से ये पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में 100 स्कूली बच्चों ने जिले के कलेक्टर से गुहार लगाई है. उन्होंने ज्ञापन देकर कहा कि हमें पढ़ाई करनी है, मगर रास्ता नहीं मिलने के कारण हम पढ़ नहीं पा रहे हैं.

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रोड नहीं होने के कारण हमें काफी परेशानी होती है. हम पढ़ना चाहते हैं. 6 किमी के लिए हमें 20 किमी का सफर तय करना पड़ता है.

छात्रा

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, गांव से शहर जोड़ने वाली सड़क के बीच में एक प्राइवेट जमीन पड़ती है. यह जमीन भारत सिंह नाम के शख्स की है. हाई कोर्ट में सुनवाई के बावजूद उनके हिस्से में फैसला गया है. ऐसे में कानूनी तौर पर वो इस जमीन के मालिक हैं. इसके कारण रास्ता बंद है.

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रोड नहीं तो वोट नहीं

छतरपुर जिले में जनसुनवाई में सैकड़ों बच्चे अपनी मांग लेकर आए हैं. उन्होंने कहा है कि छतरपुर जिले से महज 6 किलोमीटर राधे पुर गांव के लिए पूरी तरह से रास्ता बंद हो चुका है. इस संबंध में गांव के लोगों ने बताया कि जो रास्ता था, वह एक शख्स का है. कानूनी तौर पर वो केस जीत चुका है. ऐसे में शहर पहुंचने के लिए 20 किमी का सफर तय करते हैं.

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