Badwale Mahadev Mandir: 21 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो जाएगा.इसी के साथ शिवालयों और शिव मंदिरों में महादेव के भक्तों का ताँता लग जाएगा. कहा जाता है सावन में जो भक्त सच्चे मन से महादेव की पूजा-अर्चना भी करते हैं. उनकी हर मनोकामना पूरी होती है. महादेव कई जगह स्वयंभू भी विराजित होते हैं. ऐसे ही हम आपको राजधानी भोपाल (Bateshwar Mandir Bhopal) के एक ऐसे मंदिर (Shiv Mandir Bhopal) के बारे में बताने जा रहे हैं जो 200 साल पुराना है और यहां शिवजी स्वयंभू बरगद के पेड़ में प्रकट हुए थे. आइए विस्तार से जानते हैं इस मंदिर के बारे में..
ऐसे प्रकट हुए थे शिव जी
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ओल्ड सिटी कायस्थपुरा क्षेत्र में स्थित श्री बड़वाले महादेव मंदिर को भोपाल का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है. आज से क़रीब 200 वर्ष पूर्व इस स्थान पर एक बग़ीचा हुआ करता था, जिसमें कई प्रजातियों के पेड़ लगे थे. एक दिन एक साधु महात्मा इस बग़ीचे में आए और बट वृक्ष की छाया में विश्राम करने लगे तब करवट लेते समय उनका सिर पेड़ की जड़ों में स्थित शिला से टकराया, उन्होंने शिला के आसपास की मिट्टी हटवाई तो देखा तो शिवलिंग के दर्शन हुए.
ऐसे पड़ा बटेश्वर मंदिर का नाम
कहा जाता है कि शिवलिंग के आस पास गहरी खुदाई की गई, तब पता लगा कि यहां शिवलिंग का प्राकट्य पहले भी बताया गया है. गहरी खुदाई के बाद भी शिवलिंग के प्रकट होने का पता नहीं चल पाया, मंदिर का नाम बटेश्वर मंदिर रखा गया क्योंकि यहां पर शिवजी बरगद के पेड़ में प्रकट हुए थे.
दूल्हे राजा के नाम से प्रचलित है महादेव
बड़वाले महादेव मंदिर के नाम से प्रचलित बटेश्वर मंदिर पर सावन के समय और महाशिवरात्रि के समय काफी भीड़ होती है, महाशिवरात्रि पर बाबा बटेश्वर के मंदिर से बारात निकाली जाती है और शादी की तरह ही पूरी हल्दी, मेहंदी की रस्म भी की जाती है, भोपाल में बड़वाले महादेव दूल्हे राजा के नाम से जाने जाते हैं और इनके दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं.
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