झोपड़ी को ही बना दिया स्कूल, जोखिम भरा नाला पार कर पहुंचते हैं बच्चे

बड़वानी में बच्चे जान जोखिम में डालकर पहाड़ी नाला पार कर स्कूल जाने को मजबूर हैं. वहीं बच्चों के स्कूल के लिए भवन न होने के कारण वह झोपड़ी में ही अपनी पढ़ाई कर रहे हैं.

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झोपड़ी को बनाया स्कूल
बड़वानी:

मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के पानसेमल ब्लॉक से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां खामघाट में एक झोपड़ी को स्कूल के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. इस झोपड़ीनुमा स्कूल में जाने के लिए बच्चों को बहता हुआ नाला पार करना पड़ता है. ये स्कूल बच्चों के लिए खतरा साबित हो सकता है. स्थानीय लोगों के मुताबिक 9 साल से यहां रोड और स्कूल की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक इस मांग को पूरा नहीं किया जा सका है. 

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दरअसल, पानसेमल ब्लॉक के खामघाट में बच्चे जान जोखिम में डालकर पहाड़ी नाला पार कर स्कूल जाने को मजबूर हैं. यही नहीं बच्चे जैसे तैसे स्कूल पहुंच भी जाएं, लेकिन उन्हें भवन नहीं होने के कारण झोपड़ी में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है, जहां बारिश के दौरान बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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ग्रामीणों का कहना है कि वह कई बार प्रशासन को आवेदन देकर भवन की मांग कर चुके हैं लेकिन अब तक भवन स्वीकृत नहीं हुआ है. जनप्रतिनिधियों को भी इस बारे में बताया जा चुका है, लेकिन उन्होंने भी अब तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया है.

वहीं, जिस जगह ग्रामीणों की झोपड़ी है वो भी स्कूल भवन बनाने के लिए अपनी जमीन देने को तैयार हैं, लेकिन शासन-प्रशासन इस मामले की सुध लेने को तैयार नहीं है.

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मामले में बड़वानी सीईओ जिला पंचायत जगदीश गोमे ने बताया कि जिले में कुल 25 स्कूल ऐसे हैं, जो भवन विहीन हैं. जिसको लेकर आला अधिकारियों को 2014 से पत्र लिखकर भवन निर्माण की मांग की जा रही है. आज भी उच्च अधिकारियों से फोन पर बात हुई है. जिसमें उन्हें जल्द ही भवन निर्माण की राशि स्वीकृत किए जाने की बात कही गई है. साथ ही भवन निर्माण कराए जाने को लेकर और क्या कदम उठाए जा सकते है इस पर भी विचार किया  जाएगा. बच्चों के नाले से होकर निकलने के मामले में जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि सीईओ जनपद को भेजकर स्थिति देखी जाएगी और संभव हुआ तो 15वें वित्त के माध्यम से व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी. बहरहाल 9 वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक भवन निर्माण नहीं हो पाने पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.