टीचर ने निर्वाचन अधिकारी को दिया जवाब-पहले शादी, ₹35 लाख दहेज, उसके बाद काम, देखिए मांगों की लिस्ट

MP Election News : शिक्षक अखिलेश कुमार तिवारी ने लिखा कि उसके शिक्षक होने का कोई औचित्य नहीं निकल रहा. तमाम जगहों पर उसकी जगह दूसरे शिक्षकों के हस्ताक्षर करा लिए जाते हैं. छात्रों की अंक सूची तथा अन्य रिकॉर्ड में दूसरों के हस्ताक्षर होते हैं.

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टीचर ने निर्वाचन अधिकारी को दिया जवाब-पहले शादी, ₹35 लाख दहेज, उसके बाद काम, देखिए मांगों की लिस्ट
मैहर:

Assemblyelection2023 : मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव (Madhya Pradesh Election 2023) को लेकर प्रशासन भी चुनावी कार्यों में तेजी से जुट गया है. अधिकारियों के साथ-साथ शिक्षकों की भी चुनावी ड्यूटी (Election Duty) लगाई जा रही है. वहीं वोटिंग से पहले चुनाव का प्रशिक्षण (Election Training) कराया गया, ट्रेनिंग से गायब रहने वालों को शो कॉज नोटिस (Show Cause Notice) भी जारी किए गए है. अब गायब रहने वाले अधिकारी-कर्मचारी इन नोटिसों का जवाब दे रहे हैं, जिनमें से कुछ अजीबों-गरीब उत्तर भी देखने को मिल रहे हैं. ऐसा ही मामला मैहर जिले में देखने को मिला है, जहां एक शिक्षक ने जिस अंदाज में जिला निर्वाचन अधिकारी (Election Officer) को शोकाज नोटिस का जवाब उससे अधिकारियों का सिर चकरा गया. बेतुके जवाब का नतीजा यह हुआ कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने उस शिक्षक को निलंबित कर मझगवां में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से अटैच कर दिया.

क्या है मामला?

शिक्षक अखिलेश कुमार तिवारी मैहर जिले के अमरपाटन विकासखंड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महुडर में पदस्थ थे. चुनाव कार्य के लिए उन्हें प्रशिक्षण सत्र में हिस्सा लेना था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए. ट्रेनिंग में मौजूद नहीं रहने वाले कर्मचारियों को जिला निर्वाचन अधिकारी सतना ने कारण बताओं नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने को कहा था.

इस मामले में जवाब देते हुए शिक्षक अखिलेश ने लिखा कि उनका जीवन पत्नी के बिना बीत रहा है, पहले शादी करवाई जाए. इसके लिए उन्होंने दहेज में 35 लाख रुपए लेंगे का जिक्र किया. इसके अलावा उन्होंने यह भी मांग की रीवा जिले के समदरिया अथवा सिंगरौली परिसर में उन्हें एक फ्लैट दिया जाए.

अखिलेश यही नहीं रुकें उन्होंने अपने हाथ टूटने और बैकबोन (Back Bone) में दिक्कत होने का भी जिक्र कर डाला. कुल पांच बिंदुओं में प्रस्तुत किए गए जवाब में शिक्षक ने अपने साथ हुई हर उस घटना का जिक्र किया जिससे उसका जीवन प्रभावित है.

स्कूल में मेरे हस्ताक्षर का कोई महत्व नहीं रहा : अखिलेश

नोटिस के जवाब में शिक्षक अखिलेश कुमार तिवारी ने लिखा कि उसके शिक्षक होने का कोई औचित्य नहीं निकल रहा. तमाम जगहों पर उसकी जगह दूसरे शिक्षकों के हस्ताक्षर करा लिए जाते हैं. छात्रों की अंक सूची तथा अन्य रिकॉर्ड में दूसरों के हस्ताक्षर होते हैं. आखिर उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी के नोटिस का जवाब देने में इन सब बिंदुओं का जिक्र क्यों किया इस संबंध में अब तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है.

"भौतिक सुविधाओं में इंजीनियर का कब्जा"

शिक्षक ने अंतिम पैरा में लिखा है कि उनके भौतिक सुख सुविधाओं के सभी संसाधनों पर रीवा के एक रिटायर्ड इंजीनियर ने कब्जा कर रखा है. पहले इन सब प्रकरणों का निराकरण किया जाए और उसके बाद उसे कार्य के लिए कहा जाए. नीचे उसने अपना नाम लिखने से पहले यह भी जिक्र किया कि क्या करूं अशब्द एवं निशब्द हूं बाकी आप ज्ञान के सागर हैं.

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