MP Exit Polls: Times Now-ETG का अनुमान, मध्य प्रदेश में BJP-कांग्रेस की टक्कर में निर्दलीय निभाएंगे अहम भूमिका

पांच राज्यों यानी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में मतदान संपन्न हो चुका है. अब सभी को नतीजों का इंतजार है. हालांकि इससे पहले कई एजेंसियां Exit Polls के आंकड़े जारी कर रही हैं. हम बात करेंगे मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में एजेंसियों द्वारा किए गए एक्जिट पोल्स की.

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मध्य प्रदेश में निर्दलीय निभाएंगे अहम भूमिका

Madhya Pradesh Exit Polls : पांच राज्यों यानी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में मतदान संपन्न हो चुका है. अब सभी को नतीजों का इंतजार है. हालांकि इससे पहले कई एजेंसियां Exit Polls के आंकड़े जारी कर रही हैं. हम बात करेंगे मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में एजेंसियों द्वारा किए गए एक्जिट पोल्स की.  

परिणाम से पहले क्या है अनुमान?

वोटिंग खत्म होने के बाद अब एक्ज़िट पोल सामने हैं. अलग-अलग एजेंसियों ने पांचों चुनावी राज्यों में अपने-अपने पूर्वानुमान सामने रख दिए हैं. मध्य प्रदेश के लिए जो अनुमान लगाए गए हैं उस पर नजर दौड़ाएं तो Times Now-ETG के मुताबिक, बीजेपी और कांग्रेस दोनों को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता दिख रहा है. दोनों के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है. हालांकि, कांग्रेस यहां बीजेपी को पीछे भी छोड़ सकती है. Times Now-ETG के अनुमान के मुताबित, BJP को 105 से 117 सीटें मिलते दिख रही है. वहीं, Congress को 109 से 125 सीटें मिलते दिख रही है.

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वहीं, बीएसपी का मध्य प्रदेश में खाता नहीं खुलता दिख रहा है. जबकि, अन्य को यहां 1 से 5 सीटें मिल सकती है. यानी निर्दलीय सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले हैं.

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मध्य प्रदेश में मतदान की बात करें तो यहां 17 नवंबर को एक ही चरण में सभी 230 सीटों पर वोटिंग कराई गई थी. वहीं तीन दिसंबर को सभी चुनावी उम्मीदवारों की किस्मत का पिटारा खुलना है.

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बीजेपी किसके भरोसे?

इस समय प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) सत्ता पर काबिज है. इस सत्ता को पांव-पांव वाले भैया के नाम से देश भर में मशहूर राजनेता शिवराज सिंह चौहान चला रहे हैं. सीएम शिवराज को अपनी योजनाओं पर इतना भरोसा है कि वे अपनी जीत को लेकर पूरे विश्वास से बात कर रहे हैं. यही विश्वास और भरोसा प्रचार के दौरान उनकी जनसभा, रैली और रोड शो में भी देखने को मिला था. वे जहां भी जाते थे अपनी सरकार की जनहितैषी और जनकल्याण वाली योजनाओं का ढिंढोरा पीट देते.

कांग्रेस का क्या है दांव?

वहीं दूसरी ओर, सत्ता पाकर भी विपक्ष में बैठने को मजबूर हुई कांग्रेस पार्टी (Congress) सत्ता पाने के लिए एन्टी-इन्कम्बैन्सी को अपना बड़ा हथियार मान रही है. इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Ex CM Kamal Nath) को अपनी गारंटियों और वचनों पर पूरा भरोसा है. कांग्रेस पार्टी इन्हीं मुद्दों के सहारे सत्ता का तानाबाना बुन रही है. कमलनाथ भी पूरे दमखम के साथ दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल होगा. बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव, यानी 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने ही सरकार बनायी थी, जिसकी सत्ता कमलनाथ के पास थी, लेकिन महज 15 महीने में ही सत्ता पलट गई, और मार्च, 2020 में बीजेपी की सरकार बनी और शिवराज सिंह चौहान फिर से ताजपोशी हुई.