JJM : इतनी भी क्या जल्दी थी? सतना में मंत्री-सांसद ने नल-जल का फीता तो काट दिया, पानी नहीं आया

Madhya Pradesh News : NDTV की पड़ताल में पता चला कि नल जल योजना के तहत गांव में पाइपलाइन बिछाकर नल तो लगा दिया गया, पर पानी आज भी 2 किलोमीटर दूर लेने जाना होता है और नल जानवर बांधने के काम आ रहे हैं. वहीं कांग्रेस ने इसे गैरकानूनी और जनता के साथ मजाक बताया.

विज्ञापन
Read Time: 17 mins
मैहर:

Madhya Pradesh News : जल जीवन मिशन (JJM) का लक्ष्य हर घर तक नल से साफ पेयजल पहुंचाना है. यह सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. गांव-गांव तक मीठा पानी पहुंचाने के नाम पर शुरू की गई नल जल योजना का मध्यप्रदेश के सतना जिले में विधान सभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election 2023) की घोषणा से पहले राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल और सांसद गणेश सिंह ने आनन-फानन में फीता काट कर शुभारंत तो कर दिया लेकिन  जमीनी हकीकत यह है कि गांव में नल से अभी भी पानी की जगह हवा निकल रही है.

एक हजार से ज्यादा गांवों में पानी पहुंचाने का था दावा

जिस प्राेजेक्ट का उद्घाटन राज्यमंत्री रामखेलावन और सांसद गणेश सिंह ने किया है उसको लेकर दावा किया जा रहा है कि रामनगर के मारकंडेय घाट से रामनगर, मैहर, अमरपाटन और उचेहरा के लगभग एक हजार 19 गांव में यह पानी पहुंचेगा. शुरूआत में मैहर के सुकवारी और रामनगर के सुलखमांं गांव को पानी सप्लाई करने का ट्रायल भी किया गया, लेकिन अब इन गांव में भी पानी की बूंद नसीब नहीं हो पा रही है.

Advertisement
लगभग 1500 करोड़ रुपए की लागत से बनी यह परियोजना पूरी तरह बनकर तैयार भी नहीं हुई थी, लेकिन श्रेय लेने की होड में इसका फीता काट दिया गया.

35 टंकियों में पानी देने का था वादा, लेकिन वह भी रह गया अधूरा

सात अक्टूबर को हुए इस प्राेजेक्ट के लोकार्पण समारोह में राज्यमंत्री ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा था कि आज से 35 टंकियों में इसका पानी जाना शुरू हो जाएगा, लेकिन सच्चाई इसके विपरीत ही दिखाई दे रही है. गौरतलब हो कि  सरकार द्वारा घर घर पानी देने के लिये नल-जल योजना की शुरूआत की गई, जिसके लिये मैहर जिले के अंतर्गत मार्कण्डेय में इसका टनल बनाया गया, जहां से पानी सप्लाई की पृष्ठभूमि तैयार की गई.

Advertisement

2021 में पूरा होना था काम अभी भी ग्रामीण देख रहे हैं राह

1500 करोड़ रुपए की लागत की इस योजना में 1 हज़ार से भी ज्यादा गांवों में पानी दिया जाना है. जिसके लिए घर घर नल लगाए गए ओर पाइप लाइन बिछाने का काम किया गया, वहीं इस योजना का काम सालों-साल चलने के बाद आज भी पूरा नहीं हो सका. विभागीय सूत्रों की माने तो 2021 में इस प्रोजेक्ट को पूरा होना था, लेकिन आज तक यह काम पूरा नहीं हो सका.

Advertisement
अचार संहिता लागू होने की खबर सुन कर शिवराज सरकार के राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल तथा स्थानीय सांसद गणेश सिंह ने मैहर जिले में बन रहे इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से पहले ही लोकार्पण कर दिया. शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान कहा गया कि 267 गांवों में करीब 40 हजार घरों में इसका पानी जाना शुरू हो गया है.

NDTV की पड़ताल, जानवर बांधने के काम आ रहे हैं नल

दावों की जमीनी हकीकत क्या है? इसकी पड़ताल करने के लिए एनडीटीवी की टीम उन गांवों में पहुची और ग्रमीणों से बात की तो पता चला कि 8 अक्टूबर को इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया गया उसी दिन नल में पानी देखने को मिला जिसके बाद से अब भी नल एक बूंद पानी को तरसा रहा है. जब हमने गांव के लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि नल जल योजना के तहत गांव में पाइपलाइन बिछाकर नल तो लगा दिया गया, पर पानी आज भी 2 किलोमीटर दूर लेने जाना होता है और नल जानवर बांधने के काम आ रहे हैं. सरकार ने अपनी वाहवाही लूटने के लिए लोकर्पण कर दिया पर हमारे गांव में पानी नहीं आ रहा है. 

कांग्रेस का तंज 

इस मामले मे शिवराज सरकार पर तंज कसते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र  कुमार सिंह ने कहा कि ये शिवराज सरकार का जनता के साथ मजाक है, अधूरे काम का लोकार्पण कानूनी रूप से भी सही नहीं है सरकार जनता को मूर्ख समझती है.

यह भी पढ़ें :  MP Election 2023 : BJP पर बरसे CM भगवंत मान, कहा-शिवराज सरकार में मची है लूट