CG Election : लैलूंगा विधानसभा सीट में चुनाव का बहिष्कार, अधिकारियों की समझाइश के बाद शुरु हुआ मतदान

इस क्षेत्र में कई कंपनियों की खदान (Mines) संचालित होने के बावजूद भी गांव के युवाओं को रोजगार (Jobs) नहीं दिया जा रहा है. गांव में स्वास्थ्य सेवाएं (Poor Health System) नहीं दी जा रही है. बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं. इन समस्याओं के समाधान को लेकर उन्होंने भाजपा के तत्कालीन विधायक (BJP MLA) और वर्तमान कांग्रेसी विधायक (Congress MLA) के अलावा अधिकारियों तक गुहार लगाई गई. लेकिन आज तक उनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं.

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रायगढ़:

CG Assembly Election 2023 : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण (CG Election 2nd Phase Voting) की वोटिंग जारी है. लेकिन रायगढ़ जिले की लैलूंगा विधानसभा में सुबह 11 तक चुनावी बहिष्कार (Boycott of Elections) के चलते वोटिंग (Voting) शुरु नहीं हो पायी थी. हालांकि बाद में अधिकारियों ने ग्रामीणों को सझाइश दी, जिसके बाद वोटिंग शुरु हो पायी. प्राप्त जानकारी के अनुसार, तमनार क्षेत्र का सारसमाल गांव तीन क्षेत्रों से खदानों से घिरा हुआ है. गांव के निकट गारे पेलमा 4/2 और 4/3 कोयला की खदान है. जहां एनजीटी के नियमों की अनदेखी की जा रही है. जिससे ग्रामीणों को कई वर्षों से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

क्या समस्याएं हैं?

इस क्षेत्र में कई कंपनियों की खदान (Mines) संचालित होने के बावजूद भी गांव के युवाओं को रोजगार (Jobs) नहीं दिया जा रहा है. गांव में स्वास्थ्य सेवाएं (Poor Health System) नहीं दी जा रही है. बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं. इन समस्याओं के समाधान को लेकर उन्होंने भाजपा के तत्कालीन विधायक (BJP MLA) और वर्तमान कांग्रेसी विधायक (Congress MLA) के अलावा अधिकारियों तक गुहार लगाई गई. लेकिन आज तक उनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं.

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बताया जा रहा है कि इन समस्याओं को लेकर पहले ही चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर चुके नाराज ग्रामीणों ने मतदान दल को बीती रात से गांव में घुसने नहीं दिया. इसके साथ ही यहां सुबह 11 बजे तक मतदान की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायी थी.

अधिकारियों ने समझाया

चुनाव बहिष्कार की सूचना पर दल बल के साथ पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने सारसमाल के ग्रामीणों को समझाइश दी, तब जाकर ग्रामीणों माने और मतदान की तैयारियां शुरू हुईं. यहां जिला पंचायत सीईओ और थाना प्रभारी तमनार के साथ पहुंचे थे. जिला पंचायत सीईओ ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद प्रशासन उद्योग और ग्रामीणों  के बीच एक त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की जाएग. जिससे आपकी समस्याओं का स्थाई समाधान निकाला जा सकेगा.

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