Chhattisgarh: शिक्षिका के जज्बे को सलाम, हर रोज दो नदी पार कर पहुंचती हैं स्कूल

अपने कार्य के प्रति निष्ठावान बनना है तो कोई मध्य प्रदेश की इस महिला शिक्षिका से सीखें. छत्तीसगढ़ जिले के धौरपुर गांव की प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका कर्मिला टोप्पो स्कूल जाने के लिए हर दिन एक नहीं बल्कि दो-दो नदियां पार कर जाती हैं.

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Chhattisgarh: शिक्षिका के जज्बे को सलाम, हर रोज दो नदी पार कर पहुंचती हैं स्कूल
नई दिल्ली:

Inspiring Story: भले ही टीचिंग एक पेशा है लेकिन यह बहुत ही जिम्मेदारी भरा कार्य है. एक शिक्षक पर बच्चों को किताबी ज्ञान देने के साथ उसके भविष्य को संवारने का भी बीड़ा होता है. इसलिए छत्तीसगढ़ जिले के धौरपुर गांव की प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका कर्मिला टोप्पो स्कूल जाने के लिए हर दिन नदी पार करती हैं. ऐसा वह बच्चों का भविष्य बनाने के लिए करती हैं. कर्मिला टोप्पो ने एएनआई को बताया कि वह बच्चों का भविष्य बनाना चाहती हैं. लेकिन स्कूल जाने के लिए कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं है. इसलिए वह हर रोज नदी पास कर बच्चों को पढ़ाने स्कूल जाती हैं. 

उन्होंने बताया कि उनके घर से स्कूल के बीच दो नदी पड़ती है. स्कूल जाना है और बच्चों का भविष्य बनाना है तो नदी तो पार करनी ही पड़ेगी. 

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कर्मिला अपने दो बच्चों और पति के साथ वाड्रफनगर में रहती हैं. उनके पति भी जिले के दूसरे विकास खंड में तैनात शिक्षक हैं. कर्मिला अपने घर वाड्रफनगर से स्कूटी से आती है और फिर नदी से लगे ग्राम मढ़ना में स्कूटी खड़ी कर अपने स्कूल धौरपुर पहुंचती है. बीच में पड़ने वाली नदी भी कार्मिला के रास्ते को रोक नहीं पाती हैं और वह कमर तक पानी में नदी पार कर अपने स्कूल जाती है.

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बलरामपुर कलेक्टर रिमिजियुस एक्का ने टोप्पो के प्रयासों की सराहना की और अन्य शिक्षकों से अपने कर्तव्यों के प्रति वफादार रहने की अपेक्षा की. कलेक्टर एक्का ने कहा, "निश्चित रूप से यह शिक्षक अपना काम बहुत ईमानदारी से कर रहे हैं. मैं अन्य शिक्षकों से भी इसी तरह के काम की उम्मीद करूंगा. अन्य शिक्षकों को भी अपने कर्तव्य के प्रति वफादार रहना चाहिए और समय पर स्कूल पहुंचना चाहिए."

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