US: भारत के बाहर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर उद्घाटन के लिए तैयार, जानें विशेषताएं

अमेरिका के न्यू जर्सी में भारत के बाहर बने दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मंदिर अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन 8 अक्टूबर को किया जाएगा. बताया जा रहा है कि इस मंदिर में करीब 10 हजार से अधिक मूर्तियां स्थापित की गई हैं.

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अक्षरधाम मंदिर 183 एकड़ में फैला है, इसे प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार डिजाइन किया गया है.

भारत के बाहर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर (World's 2nd largest hindu Temple outside India) अमेरिका के न्यू जर्सी में बनकर तैयार हो गया है. इसका उद्घाटन 8 अक्टूबर को किया जाएगा. इस अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Temple in New Jersey) का निर्माण बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम संगठन (BAPS Swaminarayan Akshardham Organization) द्वारा किया गया है. यह भव्य मंदिर 19वीं सदी के हिंदू आध्यात्मिक गुरू भगवान स्वामीनारायण (Hindu spiritual leader Lord Swaminarayan) को समर्पित है. इसके साथ ही यह उनके 5वें आध्यात्मिक उत्तराधिकारी और प्रसिद्ध संत प्रमुख स्वामी महाराज (Sant Pramukh Swami Maharaj) से प्रेरित है.

बताया जा रहा है कि मंदिर का औपचारिक उद्घाटन 8 अक्टूबर को किया जाएगा, लेकिन यह दर्शनार्थियों और आगंतुकों के लिए 18 अक्टूबर से खोला जाएगा. अभी यह मंदिर आगंतुकों के लिए कुछ घंटे खुला रहता है, लेकिन कई निजी कार्यक्रमों के कारण 30 सितंबर से 17 अक्टूबर के बीच यह बंद रहेगा. मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 30 सितंबर तक परिसर में केवल सोमवार से शुक्रवार सुबह 10 बजे से शाम 4:30 बजे तक प्रवेश दिया जाएगा.

12 साल में बना है मंदिर

न्यू जर्सी के रॉबिंसविले टाउनशिप (Robbinsville Township, New Jersey) में बने अक्षरधाम मंदिर की खास बात यह है कि यह मंदिर करीब 12 साल में तैयार हुआ है. इसका निर्माण 2011 में शुरू हुआ था, जो इस वर्ष 2023 तक चला. इसे बनाने में 12,500 से अधिक स्वयं सेवकों ने मेहनत की है. ये वालंटियर्स अमेरिका भर से आए हुए थे.

मंदिर में 10 हजार से अधिक मूर्तियां

जानकारी के मुताबिक, अक्षरधाम मंदिर 183 एकड़ में फैला है. इसे प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों और भारतीय संस्कृति के अनुसार डिजाइन किया गया है. बताया जा रहा कि इसमें 10,000 मूर्तियां, भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों और नृत्य रूपों की नक्काशी स्थापित की गई हैं. इसके साथ ही इसमें एक मुख्य मंदिर, 12 उप-मंदिर, 9 शिखर और 9 पिरामिड शिखर शामिल हैं. इस मंदिर की उम्र करीब एक हजार साल बताई जा रही है. 

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दुनिया भर से आए पत्थरों से बना मंदिर

बताया जा रहा है कि मंदिर के निर्माण में इसे स्थायी मजबूती देने के लिए चूना पत्थर, गुलाबी बलुआ पत्थर, संगमरमर और ग्रेनाइट सहित चार प्रकार के पत्थरों का उपयोग किया गया है. चूना पत्थर बुल्गारिया और तुर्की से मंगाया गया था, जबकि संगमरमर ग्रीस, तुर्की और इटली से मंगाया गया था. इसके साथ ही ग्रेनाइट भारत और चीन से और बलुआ पत्थर भारत से मंगाया गया था.

मंदिर की बावड़ी में भारत की पवित्र नदियों का जल

बताया जा रहा है कि मंदिर परिसर में एक बावड़ी भी है, जिसे भारतीय परंपरा के अनुसार बनाया गया है. इस बावड़ी को 'ब्रह्म कुंड' भी कहते हैं. अक्षरधाम मंदिर में बनी इस बावड़ी में भारत की पवित्र नदियों के पानी को शामिल किया गया है. इसके अलावा अमेरिका के सभी 50 राज्यों सहित दुनिया भर के 300 से अधिक जल निकायों का पानी शामिल किया गया है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)