पाकिस्तान पर ताबड़तोड़ प्रहार, विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका, ईयू और इटली से की बात, अमेरिका ने कही ये बात

S Jaishankar talk with World: ऑपरेशन सिंदूर के दूसरे दिन विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कई देशों से इस मामले में भारत के स्टैंड को लेकर बात की है. इस बीच, अमेरिका ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है.

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ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विदेश का स्टैंड

America on India Pakistan Tensions: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई है. ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दूसरे दिन पाकिस्तान ने दो बार भारत में हमले की कोशिश की, जिसे भारत की एस-400 प्रणाली ने नाकाम कर दिया. इसी बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार देर रात अमेरिका सहित कई देशों के समकक्षों के साथ बात की. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के किसी भी उकसावे वाले प्रयास का दृढ़ता से मुकाबला करने के लिए भारत के दृढ़ संकल्प पर जोर दिया.

दूसरी तरफ, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को दिन में की गई कॉल का जिक्र करते हुए, विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने दैनिक ब्रीफिंग में कहा कि अमेरिका "दो चीजों" पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष "से मूलतः हमारा कोई सरोकार नहीं है", हालांकि वह और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों देशों को तनाव कम करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.

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अमेरिकी विदेश मंत्री ने कही ये बात

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बातचीत में विदेश मंत्री जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ काम करने की वाशिंगटन की प्रतिबद्धता की सराहना की. उन्होंने बातचीत के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, "सीमा पार आतंकवाद के प्रति भारत की लक्षित और संतुलित प्रतिक्रिया को रेखांकित किया. तनाव बढ़ाने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से मुकाबला किया जाएगा." इस बीच, रुबियो ने तत्काल तनाव कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया और भारत-पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत के लिए अमेरिकी समर्थन व्यक्त किया. इसके साथ ही, संचार में सुधार के लिए निरंतर प्रयासों को भी प्रोत्साहित किया.

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टैमी ब्रूस ने कही ये बात

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को दिन में की गई कॉल का जिक्र करते हुए, विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने दैनिक ब्रीफिंग में कहा कि अमेरिका "दो चीजों" पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. ब्रूस ने कहा, "यह नहीं बढ़ना चाहिए, और संवाद मूल रूप से महत्वपूर्ण है, बातचीत होनी चाहिए, चुप्पी नहीं होनी चाहिए, और अमेरिका, जाहिर तौर पर इसके केंद्र में था, पिछले दो दिनों में दोनों देशों के विभिन्न नेताओं के साथ बातचीत में."

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शरीफ के साथ रूबियो की कॉल पर एक बयान में ब्रूस ने पहले कहा था, "मंत्री ने मौजूदा संघर्ष में नागरिकों की कथित मौत पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने पाकिस्तान से आतंकवादी समूहों को किसी भी तरह का समर्थन बंद करने के लिए ठोस कदम उठाने के अपने आह्वान को दोहराया."

अमेरिका ने आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराने में कोई संकोच नहीं किया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में अपने पहले कार्यकाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा था, "अमेरिका ने पिछले 15 वर्षों में पाकिस्तान को मूर्खतापूर्ण तरीके से 33 बिलियन डॉलर से अधिक की सहायता दी है और उन्होंने हमारे नेताओं को मूर्ख समझते हुए हमें झूठ और धोखे के अलावा कुछ नहीं दिया है."

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विदेश मंत्री ने की कई देशों से बात

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार देर रात अमेरिका सहित कई देशों के समकक्षों के साथ बात की. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के किसी भी उकसावे वाले प्रयास का दृढ़ता से मुकाबला करने के लिए भारत के दृढ़ संकल्प पर जोर दिया. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बातचीत में विदेश मंत्री जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ काम करने की वाशिंगटन की प्रतिबद्धता की सराहना की.

उन्होंने बातचीत के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, "सीमा पार आतंकवाद के प्रति भारत की लक्षित और संतुलित प्रतिक्रिया को रेखांकित किया. तनाव बढ़ाने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से मुकाबला किया जाएगा."

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)