सोने की 40 सुरंगें, इतना गोल्ड कि मत पूछो... इनके हाथ लगा कुबेर का खजाना

Biggest Gold Reserves: सोने के प्रति आकर्षण लाजिमी है, इसमें इंसानों की दिलचस्पी सदियों से है. अब इस दौड़ में पड़ोसी देश चीन (China) ने बड़ी छलांग लगाई है. दरअसल, चीन ने हाल ही में अपने हुनान प्रांत (Hunan Province) में एक बड़े स्वर्ण भंडार (Gold reserves) की खोज की है. आइए जानते हैं यहां कितना सोना है...

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सांकेतिक तस्वीर

China Biggest Gold Reserves: सोने और अन्य कीमती धातुओं के प्रति इंसानों की दिलचस्पी सदियों से है. अब इस दौड़ में पड़ोसी देश चीन (China) ने बड़ी छलांग लगाई है. दरअसल, चीन ने हाल ही में अपने हुनान प्रांत (Hunan Province) में एक बड़े स्वर्ण भंडार (Gold reserves) की खोज की है. यहां इतना सोना है कि इससे चीन की अर्थव्यवस्था (Economy of China) में एक बार फिर बड़ी तेजी देखी जा सकती है. सोने के इस अकूत भंडार को हासिल करने के बाद वैश्विक बाजार में क्या बदलाव देखने को मिलेगा यह भी दिलचस्प होगा. आइए, जानते हैं आखिर इस खान में कितना सोना है? 

वैश्विक सोना उत्पादन (Global Gold Production) और वैश्विक बाजार पर इस खोज का व्यापक प्रभाव पड़ सकता है. भूविज्ञानियों ने चीन के हुनान प्रांत में पिंगजियांग काउंटी के वांगू क्षेत्र में इस सोने के विशाल भंडार को ढूंढ निकाला है. यह खान 2,000 मीटर से अधिक गहराई पर मिली है, जहां 40 से ज्यादा सोने की सुरंग पाई गई हैं. शुरुआती खोज में अनुमान लगाया गया है कि यहां तकरीबन 300.2 टन सोना हो सकता है. 

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69,30,62,36,00,000 रुपये का सोना

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, चीन के हुनान प्रांत के भूविज्ञान ब्यूरो की तरफ से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों जानकारी के इस खदान में जो सोना है इसकी कीमत 600 युआन यानी लगभग 69,30,62,36,00,000 रुपये के करीब है.   
जानकारों का मानना है कि 3,000 मीटर से ज्यादा गहराई पर सोने का भंडार 1,000 टन तक पहुंच सकता है. बता दें कि चीन के सोने के भंडार ने 2024 की दूसरी तिमाही तक 2,264.32 टन के नंबर को टच कर लिया है. यह आंकड़ा नवंबर 2022 के बाद से 314 टन अधिक है.

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इस मामले में आगे है चीन! 

दुनिया में सोने के प्रमुख उत्पादक देश के बीच जबर्दस्त प्रतिस्पर्धी माहौल है. लेकिन वांगू साइट की खोज चीन की एडवांस भूविज्ञान और माइनिंग तकनीकों को दर्शाती है. क्योंकि इतनी गहराई पर सोने की खोज करना सामान्य बात नहीं है. चीन के इस कदम ने दुनिया भर के भूविज्ञानियों के लिए एक नई चुनौती भी प्रस्तुत कर दिया है. यह अमेरिका, रूस और ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े सोना उत्पादक देशों के लिए प्रतिस्पर्धी वातावरण बना सकती है. 

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