Axiom 4 Mission Launch: भारत के शुभांशु शुक्ला ने Space के लिए भरी उड़ान, ऐसा है ISS का प्लान

Axiom-4 Mission Launch: ये अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन पर करीब 14 दिन गुजारेंगे. इस दौरान कई अहम प्रयोग किए जाएंगे. शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और नासा के संयुक्त सहयोग से विकसित उन्नत खाद्य और पोषण संबंधी प्रयोगों का संचालन करेंगे.

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Axiom Mission 4: भारत की लंबी उड़ान

Axiom-4 Mission: भारत अपनी अंतरिक्ष यात्रा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के अंतरक्षित के सफर पर निकल चुका है. पहली बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर एक भारतीय कदम रखेगा. भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला चार दशकों में अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं. एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर भेजा जा रहा है, जिसकी लॉन्चिंग बुधवार को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से हो चुकी है. इस दौरान भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की मां आशा शुक्ला अपने बेटे के लिए खुशी से भावुक हो गईं.

14 दिन अंतरिक्ष में गुजरेंगे

Axiom 4 Mission ने अमेरिका के फ्लोरिडा में NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी. इस मिशन का संचालन भारत के IAF ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला कर रहे हैं. क्रू कंपनी के फाल्कन 9 रॉकेट पर एक नए स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पर सवार होकर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा कर रहा है.  इस मिशन का नेतृत्व अमेरिका की कमांडर पैगी व्हिटसन कर रही हैं, जिसमें भारत के IAF ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला मिशन पायलट हैं और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपू और पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की मिशन विशेषज्ञ हैं.

मिशन लॉन्च होने के बार ड्रैगन स्पेसक्रॉफ्ट 1 दिन 03 घंटे 23 मिनट का वक्त लेगा और फिर यह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर डॉक करेगा.

लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद Axiom-4 मिशन को लेकर ड्रैगन अंतरिक्ष यान भारतीय समयानुसार गुरुवार, 26 जून को शाम 4.30 बजे ISS पर डॉक कर जाएगा.

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ISS पर क्या प्रयोग होंगे?

मिशन क्रू के चारों सदस्य इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर लगभग 14 दिन रहेंगे और इस दौरान वो 60 एक्सपेरिमेंट भी करेंगे. यह आज तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर Axiom स्पेस मिशन पर आयोजित सबसे अधिक शोध और विज्ञान से संबंधित गतिविधियां होंगी. यह लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में माइक्रोग्रैविटी रिसर्च को आगे बढ़ाने के लिए मिशन के वैश्विक महत्व और सहयोगात्मक प्रकृति को रेखांकित करती है.

ये अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन पर करीब 14 दिन गुजारेंगे. इस दौरान कई अहम प्रयोग किए जाएंगे. शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और नासा के संयुक्त सहयोग से विकसित उन्नत खाद्य और पोषण संबंधी प्रयोगों का संचालन करेंगे.

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