दिव्यांगता अधिकार एडवोकेट और निपमैन फाउंडेशन के संस्थापक निपुण मल्होत्रा ने कहा "दिव्यांगों को दया की वस्तु के रूप में देखा जाता है... यह सोचा जाता है कि वे केवल भोजन, आश्रय और कपड़े चाहते हैं. इनके अलावा उनकी कोई अन्य आवश्यकता या आशा नहीं है..." उन्होंने कहा कि साल 2015 में जब एक पब ने उन्हें प्रवेश देने से मना कर दिया, क्योंकि "वहां व्हीलचेयर पर उनकी मौजूदगी क्लब का माहौल खराब कर सकती थी", तब निपुण ने इसका विरोध किया और एक रेस्तरां एग्रीगेटर और फूड डिलीवरी कंपनी ज़ोमैटो को अपने ऐप पर दिव्यांगता फ़िल्टर जोड़ने के लिए कहा. एनडीटीवी के साथ साझेदारी में ह्युंडई द्वारा समर्थ पहल के लॉन्च पर निपुण ने बताया कि कैसे दिव्यांगों के लिए कानून मौजूद हैं, लेकिन इनके कार्यान्वयन की कमी एक समस्या है.