साल भर पहले मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) का दावा था कि हर गांव, हर खेत तक मिट्टी परीक्षण जांच प्रयोगशाला के लिये एंबुलेंस जाएगी. एंबुलेंस तो छोड़िये सालों पहले करोड़ों के खर्च से बने लैब बेकार पड़े हैं. एंबुलेंस तो छोड़िये सालों पहले करोड़ों के खर्च से बने लैब बेकार पड़े हैं. वहीं सरकार का दावा है कि उसने लगभग 200 फीसद सॉयल हेल्थ कार्ड (Soil Health Card) बना दिये. जरा सोचिए आपका एटीएम (ATM) क्या किसी काम का होगा जब बैंक में पैसे ही ना हो. राज्य के 313 विकासखंडों में 150 करोड़ रु से ज्यादा खर्च कर बनाए 263 मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएं धूल खा रही हैं.