प्रदेश भर में किसान खाद के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं, लाठीचार्ज हो रहा है और चक्काजाम जैसी स्थिति बन रही है. आखिर क्या है इस समस्या की जड़? क्या प्रदेश में वाकई खाद की कमी है, या फिर यह कुप्रबंधन और कालाबाजारी का नतीजा है? सरकार का दावा है कि खाद पर्याप्त मात्रा में है, लेकिन किसान लगातार शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है. मुरैना, भिंड, दमोह, सतना, श्योपुर, ग्वालियर और रायसेन जैसे कई जिलों से आ रही तस्वीरें बेहद चिंताजनक हैं. कहीं किसान टोकन के लिए आपस में लड़ रहे हैं, तो कहीं दो बोरी खाद मिलने पर भड़क कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.