यह आयोजन भिक्षावृत्ति (Begging) की पारंपरिक कलाओं और कलाकार समुदायों को पुनर्जीवित करने के लिए है. एक समय पर भिक्षावृत्ति समाज में सम्मानित थी, लेकिन अब यह भुला दी गई है. इस उत्सव का उद्देश्य इन कलाकारों को पहचान देना और उनकी कलाओं को संरक्षित करना है. आशीष गुप्ता ने बताया कि भिक्षावृत्ति केवल भीख मांगने का साधन नहीं, बल्कि एक कला और संस्कृति का हिस्सा थी. आज की पीढ़ी को इन परंपराओं से जोड़ना जरूरी है, ताकि भारतीय संस्कृति जीवित रह सके. सरकार और समाज को मिलकर इन कलाकारों की मदद करनी चाहिए.