अत्यंत गर्व और गौरव का विषय है कि जबलपुर से 18 मार्च, 1923 को झंडा सत्याग्रह का शुभारंभ हुआ, ओर नागपुर से इसने व्यापक रुप लिया, जिसका 18 जून, 1923 को झंडा दिवस के रूप में देशव्यापीकरण हुआ और मनाया गया था. 17 अगस्त, 1923 को अपनी सफलता की कहानी लिखता हुआ, समाप्त हुआ था.झंडा सत्याग्रह की पृष्ठभूमि और इतिहास आरंभ अक्टूबर 1922 से ही हो गया था जब असहयोग आंदोलन की सफलता और प्रतिवेदन के लिए कांग्रेस ने एक जांच समिति बनाई थी और वह जबलपुर पहुंची तब समिति के सदस्यों को विक्टोरिया टाऊन हाल में अभिनंदन पत्र भेंट किया गया और तिरंगा झंडा (उन दिनों चक्र की जगह चरखा होता था) भी फहरा दिया गया.