बिलासपुर (Bilaspur) के ऐतिहासिक तालाब, (Historical Ponds) जो कभी शहर की पहचान और पानी की जरूरत का मुख्य स्रोत थे, अब खतरे में हैं. इन तालाबों ने न केवल शहर को जल उपलब्ध कराया, बल्कि पर्यावरण को संतुलित रखने और स्थानीय लोगों की आजीविका में भी अहम भूमिका निभाई. मामा भांजा, चांदमारी जैसे कई तालाब न केवल जल स्रोत थे, बल्कि शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर भी हैं. अंग्रेजों के दौर से जुड़े ये तालाब आज अतिक्रमण और प्रशासनिक अनदेखी के कारण खत्म होने की कगार पर हैं.