साल का आखिरी दिन है, लेकिन हरदा के किसानों के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कड़ाके की ठंड और शीतलहर के बीच किसान रात-रात भर अलाव जलाकर खाद वितरण केंद्रों के बाहर कतारों में खड़े रहने को मजबूर हैं. हैरानी की बात यह है कि प्रशासन 80% खाद सप्लाई का दावा कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत में किसानों को 2 बोरी खाद के लिए भी तरसना पड़ रहा है.