एक तरह कुछ बच्चे AC क्लास में पढ़ रहे हें, तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रायसेन जिले के 1800 बच्चे ऐसे हैं, जो उस स्कूल में पढ़ रहे हैं, जहां छतें टपकती हैं, दीवारें बहती हैं और उम्मीदें हर रोज सीलन में सड़ती हैं... सीएम राइज योजना का नाम है, लेकिन जमीनी हकीकत में ये योजना ‘फ्रैक्चर' हो चुकी है. सरकारी आंकड़े और फाइलें विकास का ढोल पीटती हैं, लेकिन हकीकत की आवाज इन बच्चों की भीगी कॉपियों से उठ रही है.