Saree Cancer : हमारे देश में साड़ी की एक अलग ही अहमियत है. साड़ी न सिर्फ एक भारत की पारंपरिक पोशाक है बल्कि ये भारत की संस्कृति और पहचान का भी हिस्सा है. गांवों से लेकर शहरों तक महिलाएं इसे पहनती हैं. रोज़मर्रा की ज़िंदगी हो या खास मौकों की बात हो... ज़्यादातर महिलाएं साड़ी में ही नज़र आती है. लेकिन क्या आपको पता है साड़ी से कैंसर होने का खतरा है. जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा. साड़ी पहनने का गलत तरीका आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है? ये बात हम नहीं कह रहे... बल्कि Google पर मौजूद कई सारी मीडिया रिपोर्ट्स में इसका ज़िक्र है. कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने भी इस पर चिंता जताते हुए बचने के सुझाव दिए हैं. ऐसे में इस दावे को नकारा नहीं जा सकता. यही नहीं, भारत से ऐसे 2 मामले में भी सामने आए जिसमें महिलाओं को साड़ी पहनने के चलते कैंसर हुआ... लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है और कैसे हुआ ? इस बार में आज हम विस्तार से जानेंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, रीवा में एक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल हैं. जहां के एक बड़े डॉक्टर अक्षय श्रीवास्तव ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया. उन्होंने बताया कि साड़ी पहनने के दौरान महिलाएं कसकर पेटीकोट बांधती है... तो पेटीकोट के नाड़े से "साड़ी कैंसर" जैसी समस्या हो सकती है. हालांकि इसमें राहत की बात ये है कि ये स्किन कैंसर आम नहीं है.
क्या है साड़ी कैंसर?
डॉक्टरों का कहना है कि रोज साड़ी पहनने वाली कुछ महिलाओं को "साड़ी कैंसर" हो सकता है. इसका कारण साड़ी के नीचे पहने जाने वाले पेटीकोट का टाइट नाड़ा है. अगर पेटीकोट का नाड़ा रोज कमर पर कसकर बांधा जाए, तो वह काफी समय बाद त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है.... और धीरे-धीरे समय बीतने के साथ ये घाव कैंसर का रूप ले सकता है.
साड़ी कैंसर होने के कारण
साड़ी पहनने से कैंसर होने के पीछे कुछ खास कारण हैं:
- टाइट नाड़ा
कसे हुए नाड़े के कारण त्वचा पर रोजाना दबाव और रगड़ होती है.
- नमी व पसीना
पसीने और धूल के चलते त्वचा पर जलन हो सकती है.
- साफ-सफाई की कमी
अगर त्वचा की ठीक से देखभाल न की जाए, तो ये समस्या बढ़ सकती है.
- ध्यान न देना
साड़ी से होने वाले कैंसर के लक्षण क्या हैं?
अगर आप रोज साड़ी पहनती हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:
- कमर की त्वचा काली पड़ने लगे.
- त्वचा मोटी या खुरदरी हो जाए.
- खुजली, जलन, या घाव हो.
- घाव ठीक न हो और बढ़ता जाए.
साड़ी के स्किन कैंसर से बचें कैसे ?
- हो सके तो पेटीकोट का नाड़ा ज्यादा टाइट न बांधें.
- कमर पर नाड़े की जगह को बार-बार बदलें.
- मुलायम और हल्के कपड़े वाली साड़ी का इस्तेमाल करें.
- पेट और कमर के आसपास की त्वचा को रोजाना साफ रखें.
- अगर खुजली या घाव दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से जाकर दिखाए.
- जब आप घर में आरामदायक और ढीले कपड़े पहनें.
भारत में साड़ी का इतिहास क्या ?
गौरतलब है कि साड़ी का इतिहास हजारों साल पुराना है. यह प्राचीन भारतीय सभ्यता से जुड़ी है. महाभारत और रामायण जैसे ग्रंथों में भी साड़ी का उल्लेख मिलता है. भारत में इसे हर इलाके में अलग-अलग तरीके से पहना जाता है. साड़ी में बनारसी साड़ी, कांचीपुरम साड़ी और महाराष्ट्र की नौवारी साड़ी से लेकर बंगाल की तांत साड़ी मशहूर है. यही नहीं, साड़ी को सौंदर्य का भी प्रतीक माना जाता है. साड़ी दुनिया के सबसे पुराने परिधानों में से एक है. ये बिना सिलाई के कपड़े का ऐसा रूप है, जिसे पहनने के कई तरीके हैं. साड़ी न केवल सांस्कृतिक बल्कि आधुनिक फैशन का हिस्सा भी है. बॉलीवुड से लेकर वेस्टर्न देशों में भी साड़ी का अलग ही क्रेज है.
सावधानी के लिए ज़रूर दें ध्यान
साड़ी पहनना भारतीय महिलाओं के लिए गर्व की बात है. ऐसे में इसे पहनते वक़्त कुछ सावधान बरती जाए तो किसी भी तरह की समस्या नहीं होगी. क्योंकि साड़ी को सही तरीके से पहनना और स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है. ऐसे में आप ऊपर बताए गए टिप्स को ध्यान में रखते हुए इस खतरे को स्वतः ही कम कर सकती है.