NAMO AC: रिटायर्ड प्रोफेसर ने बनाया गरीबों का एसी, किफायती 'नमो AC' देता है आधे घंटे में रूम कूलिंग की गारंटी

Affordable AC Made By Retired Professor: 75 वर्षीय रिटायर्ड प्रोफेसर ने नमो पोर्टेबल एसी को देसी जुगाड़ से तैयार किया है. उन्हें घर में बैठे-बैठे मन में ऐसा विचार आया कि प्रचंड गर्मी गरीब परिवार कैसे गुजारा करता होगा, क्योंकि महंगा एसी गरीब खरीद नहीं सकता. अगर खरीद भी लिया भारी भरकम बिल नहीं भर सकता.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
पोर्टेबल नमो एसी बनाने वाले रिटायर्ड प्रोफेसर डा. अजय शंकर मिश्रा

Affordable AC For Poor: सागर जिले में एक रिटायर्ड प्रोफेसर किफायती एअर कंडीशनिंग सिस्टम तैयार किया है, जो न केवल किफायती है, बल्कि 1 घंटे पूरे कमरे की कूलिंग की गांरटी भी देता है. 2024 में बढ़े हुए तामपान के बीच यह सुखद खबर है, खासकर उनके लिए जो घरों सामान्य और महंगे एयर कंडीशनिंग को उपयोग नहीं कर पाते हैं. 

 75 वर्षीय रिटायर्ड प्रोफेसर ने नमो पोर्टेबल एसी को देसी जुगाड़ से तैयार किया है. उन्हें घर में बैठे-बैठे मन में ऐसा विचार आया कि प्रचंड गर्मी गरीब परिवार कैसे गुजारा करता होगा, क्योंकि महंगा एसी गरीब खरीद नहीं सकता. अगर खरीद भी लिया भारी भरकम बिल नहीं भर सकता.

साल 2024 ने गर्मी से सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए

साल 2024 में तप रहे सूरज के बीच गर्मी ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, ऐसे में सस्ते और किफायती एअर कंडीशन की खबर मन मांगी मुराद से कम नहीं कही जा सकती है, जो न केवल किफायती है, बल्कि पोर्टेबल भी है. सागर जिले के रिटायर्ड प्रोफेसर ने इस किफायती और पोर्टेबल एअर कंडीशन का नाम नमो एसी दिया है.

देसी जुगाड से तैयार हुआ किफायती पोर्टेबल 'नमो एसी' 

सागर जिले के 75 वर्षीय रिटायर्ड प्रोफेसर ने नमो पोर्टेबल एसी को घर में देसी जुगाड़ से तैयार किया है. उन्होंने बताया कि एक दिन बैठे-बैठे उनके मन में ऐसा विचार आया कि प्रचंड गर्मी गरीब परिवार कैसे गुजारा करता होगा, क्योंकि महंगा एसी गरीब खरीद नहीं सकता, खरीद भी लिया भारी भरकम बिल नहीं भर सकता.

एडियाबेटिक चेंज तकनीक पर बनाया किफायती एअर कंडीशन

 प्रोफेसर ने तैयार किया कम लागत वाला किफायती एसी

रिटायर्ड प्रोफेसर ने गरीबों के लिए कम लागत और कम पावर वाला एसी तैयार करने में सफलता पाई. प्रोफेसर तैयार पोर्टेबल एसी को नमो एसी नाम दिया है, जिसे गरीब परिवार आसानी से खरीद सकेगा.रिटायर्ड प्रोफेसर का दावा है कि नमो एसी को 16 घंटे लगातार चलाते हैं तो एक छोटे फ्रिज के बराबर बिजली का खर्च आएगा.

Advertisement

 दावा, कमरे को आधा घंटे में ही ठंडा कर देगा नमो एसी

रिटायर्ड प्रोफेसर ने दावा करते हुए कहा कि उनके दौरा तैयार की गई गरीबो की एअर कंडीशनिंग सिस्टम नमो एसी महज आधे घंटे में एक पूरे कमरे को ठंडा रखने में कारगर है. उनका कहना है कि इसके लिए खर्च भी बेहद मामूली होगा. उनके मुताबिक नमो एसी को 16 घंटे चलाने में एक छोटे फ्रिज के बराबर बिजली बिल आएगा. 

गर्मी को देखते हुए कम लागत में तैयार किया "नमो एसी"

सागर की डॉ हरि सिंह गौर यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. अजय शंकर मिश्रा ने बताया कि उन्होंने किफायती नमो एसी को तैयार करने के लिए ऐडियाबेटिक सिद्धांत का प्रयोग किया है. सागर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड प्रोफेसर ने करीब 41 साल बॉटनी विभाग में अपनी सेवाएं दी हैं.

Advertisement

गरीब परिवार खरीद सकेगा अब सस्ता और अच्छा नमो एसी

रिटायर्ड प्रोफेसर का दावा है कि नमो एसी को आम आदमी आसानी से खरीद कर उपयोग कर सकता है. वो बताते हैं कि पोर्टेबल नमो एसी को जहां जहां सहूलियत हो, खिड़की, दरवाजा, वेंटिलेशन कहीं पर रखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह इतना छोटा है कि इसे गाड़ी पर आराम से रखकर इधर-उधर भी ले जाया जा सकता है. 

महज तीन महीने में तैयार हुआ पोर्टेबल एसी

10 हजार की लागत में तैयार कर दिया पोर्टेबल नमो एसी

रिटायर्ड प्रोफेसर के मुताबिक पोर्टेबल नमो एसी को बनाने में करीब 10 हजार रुपये का खर्च आया है. इसमें कंप्रेसर, रेडिएटर, ऑयल फिल्टर, एडजेस्टर, रिले यूनिट, मोटर स्टार्टिंग कैपेसिटर, एवापोरेटर, कैपेलरी जैसे उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है, यह ग्राहक को कितने में मिलेगा, यह बड़ा सवाल है.

Advertisement

एडियाबेटिक चेंज पर बेस्ड है नमो एसी की एयर कंडीशनिंग तकनीक

बकौल रिटायर्ड प्रोफेसर, जैसे साइकिल के पंप से हवा भरते हैं तो हवा कंप्रेस होती है तो हम देखते हैं कि हवा का पंप गर्म हो जाता है, क्योंकि हवा को हमने कंप्रेस किया है. लेकिन, वही हवा जब किसी छोटे छेद से निकलती है तो वह ठंडी हो जाती है. इसे फिजिक्स का एडियाबेटिक चेंज कहते है.

प्रोफेसर ने महज 3 दिन में तैयार किया पोर्टेबल नमो एअर कंडीशन

प्रोफेसर ने बताया कि भारी दबाव से जब हवा कम दबाव की ओर जाती है, तो हवा ठंडी हो जाती है. यही तकनीक हर एसी का बेसिक प्रिंसिपल होता है, चाहे उसमें कोई भी गैस भरी जाए. इसको उन्होंने बहुत कम समय में तैयार कर लिया, 3 दिन में उन्होंने यह पोर्टेबल एसी बनाकर तैयार किया है, जो सामान्य बोर्ड में आसानी से चल सकता है.

ये भी पढ़ें-Web World: इंटरनेट की दुनिया में और भी है सर्च इंजन, जहां Search से मिलेंगे स्मार्ट जवाब