GST on UPI Payment: नहीं लगेगा 2,000 रुपए से अधिक के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर GST, वित्त मंत्रालय ने किया स्पष्ट

UPI Payment New Rule: ऑनलाइन UPI ट्रांजैक्शन में दो हजार रुपये से अधिक के लेन-देन पर GST लगने को लेकर बहुत दिनों से चर्चा तेज थी. लेकिन, इसको लेकर केंद्र सरकार ने अपना प्लान साफ कर दिया है. वित्त मंत्रालय ने इन दावों को भ्रामक बताया है. आइए आपको इसके बारे में अधिक जानकारी देते हैं.

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UPI Rules: वित्त मंत्रालय का यूपीआई पर जीएसटी लगाने को लेकर स्पष्टीकरण

UPI Payment Latest Update: पिछले कुछ दिनों से यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को लेकर बाजार में चर्चा तेज हो गई है. कई लोगों को ऑनलाइन पेमेंट (Online Payment) भुगतान करने में परेशानी का सामना भी करना पड़ा. फिर चर्चा ये उठी कि सरकार कम पैसे के ट्रांजैक्शन पर भी GST लगाने वाली है. इस दावे को लेकर वित्त मंत्रालय ने अपनी स्पष्टता रखी है. वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि सरकार दो हजार रुपए से अधिक के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर जीएसटी लगाने के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है. यह दावा पूरी तरह से गलत, भ्रामक और निराधार है.

क्या है प्रोत्साहन योजना?

मंत्रालय की ओर से कहा गया कि वर्तमान में यूपीआई ट्रांजैक्शन पर एमडीआर नहीं लगाया जाता है, इसलिए इन ट्रांजैक्शन पर किसी तरह जीएसटी लागू नहीं है. सरकार यूपीआई के जरिए डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. यूपीआई के विकास को समर्थन देने और बनाए रखने के लिए वित्त वर्ष 2021-22 से एक प्रोत्साहन योजना चालू की गई है. आधिकारिक बयान में बताया गया है कि यह योजना विशेष रूप से कम मूल्य वाले यूपीआई (पीटूएम) ट्रांजैक्शन को टारगेट करती है. योजना के तहत ट्रांजैक्शन लागत को कम करने के साथ डिजिटल पेमेंट में भागीदारी और इनोवेशन को बढ़ावा देकर छोटे व्यापारियों को लाभ होता है.

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योजना के तहत करोड़ों रुपये का भुगतान

सरकारी आंकड़ों की माने, तो पिछले कुछ वर्षों में इस योजना के तहत आवंटन में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 1,389 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 2,210 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 3,631 करोड़ रुपये शामिल हैं. इन उपायों ने भारत के मजबूत डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

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ग्लोबल रियल-टाइम ट्रांजैक्शन में भारत की अहम भागीदारी

एसीआई वर्ल्डवाइड रिपोर्ट 2024 के अनुसार, 2023 में ग्लोबल रियल-टाइम ट्रांजैक्शन में भारत की भागीदारी 49% थी, जो डिजिटल पेमेंट इनोवेशन में ग्लोबल लीडर के रूप में देश की मजबूत स्थिति को दिखाता है. यूपीआई ट्रांजैक्शन वैल्यू में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है, जो वित्त वर्ष 2019-20 में 21.3 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2025 तक 260.56 लाख करोड़ रुपये हो गई है.

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