EVM Hacking Myth: ईवीएम हैक हो सकता है? विशेषज्ञों ने कांग्रेस की EVM हैक थ्योरी का उड़ाया मजाक

Expert On EVM Hacking Myth:अक्सर चुनावों के बाद विपक्ष वैलेट पेपर से मतदान कराने को लेकर लामबंद होते रहते हैं, वो इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनी यानी ईवीएम को लेकर सवाल उठाते आए हैं, लेकिन अब ईवीएम विशेषज्ञों ने ईवीएम हैकिंग के दावों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया है.

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EVM Hacking Myth Busted: लोकसभा चुनाव के छठे चरण के मतदान के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष लगातार ईवीएम पर संदेह जताता रहा है, विशेषज्ञों ने अपने रुख का समर्थन करने के लिए डेटा के साथ साजिश के सिद्धांत का खंडन किया है. उनके अनुसार, चुनावी प्रक्रिया का व्यापक स्तर ईवीएम हैक या फॉर्म 17सी साजिश सिद्धांतकारों के दावों को अत्यधिक अव्यावहारिक ठहराता है.

अक्सर चुनावों के बाद विपक्ष वैलेट पेपर से मतदान कराने को लेकर लामबंद होते रहते हैं, वो इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनी यानी ईवीएम को लेकर सवाल उठाते आए हैं, लेकिन अब ईवीएम विशेषज्ञों ने ईवीएम हैकिंग के दावों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया है.

लोकसभा चुनाव के छठे चरण तक 486 सीटों पर हो चुका मतदान

सोशल मीडिया साइट एक्स पर डेटा साझा करते हुए चुनाव विश्लेषकों ने कहा कि लोकसभा चुनाव के छठे चरण तक 486 सीटों पर मतदान हो चुका है, यानी फैसला हो चुका है. प्रति सीट लगभग हजारों मतदान केंद्र थे. अब तक लगभग 9 लाख मतदान केंद्रों पर मतदान हो चुका है. प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में दर्जनों उम्मीदवार होते हैं, जिन्हें प्रत्येक मतदान केंद्र पर पोलिंग एजेंट रखने की अनुमति होती है.

प्रति मतदान केंद्र पर प्रति उम्मीदवार होते हैं 10 मतदान एजेंट

विशेषज्ञों ने कहा, आइए प्रति सीट औसतन 10 उम्मीदवारों पर विचार करें. हालांकि वास्तविक संख्या लगभग 15.3 है. एक विश्लेषक ने कहा, "मान लीजिए कि प्रति मतदान केंद्र पर प्रति उम्मीदवार एक मतदान एजेंट (वास्तव में 3 की अनुमति है) है. इसके परिणामस्वरूप प्रति मतदान केंद्र पर 10 मतदान एजेंट होते हैं.

9 लाख मतदान केंद्रों पर 27 लाख मतदान एजेंट्स की मौजूदगी

विशेषज्ञों ने बताया कि अब तक कुल लगभग 9 लाख मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ है, इसका मतलब लगभग 90 लाख मतदान एजेंट होगा. यदि कोई यथार्थवादी परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखता है तो वह मानेगा कि निर्दलीय उम्मीदवार हर मतदान केंद्र पर एक एजेंट रखने का जोखिम नहीं उठा सकता. इसलिए 9 लाख पोलिंग बूथ पर 3 शीर्ष दल के एजेंट होंगे, तो सिर्फ 27 लाख एजेंच ही मतदान केंद्र पर रह सकेंगे.

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मतदान केंद्र पर शीर्ष प्रतिस्पर्धी दल ही कर सकते हैं एजेंट का प्रबंधन

उन्होंने बताया कि, हर मतदान केंद्र पर केवल शीर्ष 3 प्रतिस्पर्धी दल ही प्रबंधन कर सकते हैं. इस परिदृश्य में भी हर मतदान केंद्र पर 3 पोलिंग एजेंट होंगे. 9 लाख मतदान केंद्रों पर कुल मिलाकर लगभग 27 लाख मतदान एजेंट होंगे. इस प्रकार, उम्मीदवारों को छोड़कर, 27 लाख से अधिक व्यक्तियों ने निम्नवत कार्य किए हैं.

1) ईसीआई द्वारा प्रत्येक मतदान केंद्र पर प्रदान किए गए प्रत्येक फॉर्म 17सी का निरीक्षण किया गया

2) हर उस मतदाता का अवलोकन किया, जिसने अपना वोट डाला है और उनके वोट और वीवीपैट पर्ची के बीच विसंगतियों के बारे में कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है.

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3) उम्मीदवार स्तर पर प्रत्येक मतदान केंद्र और कुल मिलाकर प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए सटीक मतदाता सूची तक पहुंच प्राप्त की गई.

कांग्रेस नेताओ की दलील, नतीजों में छेड़छाड़ करने के लिए 27 लाख से अधिक लोग

कांग्रेस पार्टी के थिंक टैंक, जिसमें कपिल सिब्बल और कांग्रेस पारिस्थितिकी तंत्र के अन्य सदस्य शामिल हैं, कथित तौर पर बताते हैं कि चुनाव नतीजों में छेड़छाड़ करने के लिए 27 लाख से अधिक लोग (संभवतः वास्तविकता में एक करोड़ के करीब) पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा के साथ एक साजिश में शामिल हैं.

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विशेषज्ञों ने कांग्रेसी नेताओं की धारणा का मजाक उड़ाया

विशेषज्ञों ने कांग्रेसी नेताओं की धारणा का मजाक उड़ाते हुए सवाल करते हुए कहते हैं कि यदि लगभग एक करोड़ व्यक्ति बिना किसी सबूत के सक्रिय रूप से मिलीभगत कर रहे हैं कि तो वे ऐसा कैसे या क्यों करेंगे, विशेष रूप से भाजपा के साथ कांग्रेस या सीपीआई-एम के पोलिंग एजेंटों के बीच असंभावित सहयोग को देखते हुए कपिल सिब्बल और ऐसे अन्य लोग कौन सा शब्द सटीक रूप से वर्णन करते हैं?

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