Mountjara Injection: आ गया मोटापे से छुट्टी का सिंगल शॉट उपाय, एक झटके में गायब होगा बढ़ा हुआ तोंद!

Mountjara Injection: भारत में 25 से 45 साल के कामकाजी महिलाएं मोटापा की अधिक शिकार हैं. पिछले 10 सालों का आंकड़ा देखेंगे तो पाएंगे कि भारत में ऐसे लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ. डायबिटीज कंट्री में तब्दील हो चुके भारत के लिए यह इंजेक्शन चमत्कारी हो सकता है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

Lifestyle Obesity: बदलते जीवन शैली में मोटापा इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन बनकर उभरा है, जिससे छुटकारा पाने के लिए पार्कों में चहलकदमी करते लोग अक्सर दिख जाते हैं. कई लोग मोटापे से छुटकारे के लिए महिला-पुरुष दोनों जिम की शरण ले लेते हैं, लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं, जो मोटापे से मु्क्ति के लिए सिंगल शॉट फार्मुले की तलाश में रहते हैं.

चुटकी बजाते ही वजन कम करने की चाह रखने वाले लोग जोखिम उठाने से भी नहीं कतराते हैं, लेकिन अब मोटापे से छुटकारा पाना आसान होने वाला है. भारत सरकार ने एक ऐसे इंजेक्शन के इस्तेमाल को मंजूरी दी है, जो मोटापे से मुक्ति पाने वालों के लिए रामबाण साबित हो सकती है.

भारत सरकार ने माउंजारा इंजेक्शन के इस्तेमाल का मंजूरी दी

भारत सरकार ने चुटकियों में मोटापे से छुटकारे पाने के इच्छुक लोगों के लिए मोटापा कम करने में कारगर अमेरिकी इंजेक्शन माउंजारा के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है, जो बैरियाट्रिक सर्जरी का बेहतर विकल्प है.टाइप-2 डायबिटीज के ट्रीटमेंट में इस्तेमाल माउंजारो इंजेक्शन में टिर्जेपेटाइड (Tirzepatide) दवा का इस्तेमाल किया जाता है.

72 हफ्तों में इंजेक्शन से कम हो सकता है वजन 

अनुमान है कि अमेरिकी कंपनी इलाय लिली द्वारा निर्मित माउंजारा के 72 हफ्तों तक इस्तेमाल से 20.9% तक वजन कम हो सकता है. माउंजारा इंसानी शरीर में ब्लड शुकर बढ़ाने और अतिरिक्त शुगर को कंट्रोल करने वाले दो हार्मोन क्रमशः फोरगेट (Foregut) और हिंडगट (hindgut) के प्रोसेस को एक्टिव रखता है.

जीएलपी-1 हार्मोन से कम होता है भूख का एहसास

माउंजारा इंजेक्शन में जीएलपी-1 पुकारे जाने वाला हार्मोन इंसानी मस्तिष्क के हाइथोलेमस हिस्से को एक्टिव करता है, जिससे शरीर में भूख का एहसास कम हो जाता है, जिससे खाने की इच्छा कम होती है और शरीर में अतिरिक्त शुगर नहीं बनती है, साथ ही इससे शरीर में जमा चर्बी भी धीरे-धीरे- कम होने लगती है.

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मोटापा कम करने में कारगर अमेरिकी माउंजारा इंजेक्शन ऐसे लोगों के लिए संजीवनी है, जो सिंगल शॉट सोल्युशन की तलाश में हैं. डायबिटीज-2 के उपचार के लिए इस्तेमाल होने वाले माउंजारों से तेजी से वजन घटाने में भले कारगर है, लेकिन परहेज भी जरूरी है. 

जीएलपी-1 हार्मोन को एक्टिव रखता है माउंजारो 

शरीर में जीएलपी-1 हार्मोन एक्टिव नहीं हो तो फोरगट एक्टिव होकर शुगर लेव बढ़ाने लगता है. माउंजारो जीएलपी-1 (GLP-1) हार्मोन को एक्टिव करता है, जिससे तेजी से वजन कम करने में मदद मिलती है. माउंजारो कितनी मात्रा लिया जा सकता है, इसको लेकर भी संशय नहीं है. हालांकि डायबिटीज-2 मरीज की तुलना में सामान्य मरीजों की डोज कम होती है. 

32 से अधिक बीएमआई वाले ले सकते हैं माउंजारा 

वजन कम करने के लिए माउंजारा लेने से पहले इंजेक्शन लेने वाले इंसान का बॉडी मॉस इंडेक्स जाना जरूरी है. अगर  बॉडी मास इंडेक्स 32 या अधिक है, तो उसे वजन कम करने की जरूरत है. डाक्टर की सलाह पर इसे इंजेक्शन लिया जा सकता है. हालांकि इंजेक्शन के साथ-साथ वॉकिंग, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फैट इंटेक की मात्रा भी कम करनी होगी.  

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माउंजारा के हर शॉट के लिए चुकाने होंगे 1500 रुपए

मोटापा कम करने में सहायक इंजेक्शन माउंजारा को हर पांचवें लिया जा सकता है और इसके एक शॉट का खर्च 1500 रुपए है. इस हिसाब से माउंजारा लेने पर हर महीने 9 हजार और साल का 1 लाख 8 हजार रुपए खर्च आएगा. यानी मोटापा करने के इच्छुक व्यक्ति को हर साल एक लाख रुपए खर्च के लिए तैयार रहना होगा.

भारत में 25 से 45 साल के कामकाजी महिलाएं मोटापा की अधिक शिकार हैं. पिछले 10 सालों का आंकड़ा देखेंगे तो पाएंगे कि भारत में ऐसे लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ. डायबिटीज कंट्री में तब्दील हो चुके भारत के लिए यह इंजेक्शन चमत्कारी हो सकता है.

3-4 लाख रुपए होता है बेरियाट्रिक सर्जरी का खर्च

मोटापा करने के लिए प्रचलित बेरियाटिक सर्जरी के मुकाबले माउंजारा सस्ता है, जबकि बेरियाटिक सर्जरी में 3-4 लाख का खर्च आता है. माउंजारा को इंजेक्शन को भारत में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की मंजूरी मिल गई है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की मंजूरी मिलते ही दिसंबर 2024 तक यह भारत में उपलब्ध हो सकेगा.

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माउंजारो इंजेक्शन के अमेरिका में आए हैं अच्छे परिणाम

माउंजारा उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है, जिन्हें बेरियाट्रिक सर्जरी की जरूरत नहीं है. यह इंजेक्शन डायबिटीज को कंट्रोल करने के साथ-साथ वजन भी घटाने में सहायक है. भारत में 25 से 45 साल के कामकाजी महिलाएं मोटापा की अधिक शिकार हैं. पिछले 10 सालों का आंकड़ा देखेंगे तो पाएंगे कि भारत में ऐसे लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ.

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