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चंदा मामा से तो मिल लिए अब सूरज चाचू की बारी, सूर्य से कैसे मिलेगा आदित्य एल-1?
धधकते हुए सूरज का तापमान 5 हजार 500 डिग्री सेल्सियस से डेढ़ करोड़ डिग्री सेल्सियस तक रहता है. सूरज के जितने पास जाएंगे उतनी ही गर्मी और धधक बढ़ती जाएगी. अगर कोई भी अंतरिक्षयान सूर्य के पास जाएगा तो वह जल कर खत्म हो जाएगा. फिर सूरज को कहां से देखेगा आदित्य एल-1?
- Saturday September 2, 2023
- Written by: श्वेता गुप्ता |
- mpcg.ndtv.in
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भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य एल-1 कुछ ही देर में भरेगा उड़ान , सामने आएंगे सूरज के रहस्य
इसरो का कहना है कि सूर्य पृथ्वी के सबसे पास वाला तारा है. इसीलिए दूसरे प्लेनेट की तुलना में इसका अध्ययन ज्यादा विस्तार के किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सूर्य के अध्ययन से आकाशगंगा के दूसरे तारों के बारे में जानना और भी आसान हो जाएगा.
- Saturday September 2, 2023
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चंदा मामा से तो मिल लिए अब सूरज चाचू की बारी, सूर्य से कैसे मिलेगा आदित्य एल-1?
धधकते हुए सूरज का तापमान 5 हजार 500 डिग्री सेल्सियस से डेढ़ करोड़ डिग्री सेल्सियस तक रहता है. सूरज के जितने पास जाएंगे उतनी ही गर्मी और धधक बढ़ती जाएगी. अगर कोई भी अंतरिक्षयान सूर्य के पास जाएगा तो वह जल कर खत्म हो जाएगा. फिर सूरज को कहां से देखेगा आदित्य एल-1?
- Saturday September 2, 2023
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इसरो का कहना है कि सूर्य पृथ्वी के सबसे पास वाला तारा है. इसीलिए दूसरे प्लेनेट की तुलना में इसका अध्ययन ज्यादा विस्तार के किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सूर्य के अध्ययन से आकाशगंगा के दूसरे तारों के बारे में जानना और भी आसान हो जाएगा.
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