Vaibhav Sooryavanshi: वैभव सूर्यवंशी का जब से आईपीएल में डेब्यू हुआ है, तब से वो इतिहास रचते ही नजर आ रहे हैं. गुजरात टाइटंस के खिलाफ सोमवार को तो उन्होंने एक और रिकॉर्ड बना दिया, जिसे अब तक कोई भी भारतीय क्रिकेटर नहीं बना पाया है. उन्होंने आईपीएल में सिर्फ 35 गेदों पर ताबड़तोड़ 100 जड़ दिया, इतना तेज अब तक कोई भी भारतीय आईपीएल के इतिहास में नहीं बना पाया है. अब तक यूसुफ पठान के नाम यह रिकॉर्ड था.
वैभव सूर्यवंशी ने पहली बार इतिहास तब रचा, जब उन्होंने सबसे कम उम्र में आईपीएल डेब्यू किया. इसके बाद उन्होंने करियर की पहली ही गेंद में छक्का जड़ दिया. आईपीएल डेब्यू मैच में उन्होंने 20 गेदों में 34 रन बनाए. उन्होंने आईपीएल के तीसरे मैच में ही शतक जड़ दिया, जो किसी भारतीय द्वारा सबसे तेज शतक था. वहीं, दुनिया में वो दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं. 14 साल और 32 दिन की उम्र में यह ऐसा करने वाले पहले खिलाड़ी वैभव सूर्यवंशी बने हैं. आईपीएल (2008) शुरू होने के तीन साल बाद वैभव सूर्यवंशी का जन्म बिहार के समस्तीपुर में हुआ था.
माता-पिता ने बेटे के सपने के लिए किया काफी संघर्ष
हालांकि, सूर्यवंशी की सफलता की राह आसान नहीं थी. अपने पहले आईपीएल शतक की खुशी में वैभव ने अपने पिता संजीव और मां आरती के बलिदान को याद किया. उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता ने उन्हें अब तक की सफलता के स्तर तक पहुंचने में मदद करने के लिए कई प्रयास किए हैं. उनकी मां सिर्फ तीन घंटे सोती थीं. पिता ने भी काम छोड़ दिया था. मां सुबह जल्दी उठकर उनके अभ्यास से पहले ही खाना बना देती थीं. पिताजी ने अपना काम छोड़ दिया और उनके खेल पर ध्यान देने लगे. उनके पिता का काम अब उनका बड़ा भाई संभाल रहा है.
पिता हमेशा करते रहे प्रेरित
वैभव ने आईपीएल द्वारा एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में यह सब बातें कहीं हैं. उन्होंने कहा कि आज मैं जो कुछ भी हूं, उसका श्रेय मैं अपने माता-पिता को देता हूं. उस दौरान माता-पिता ने काफी संघर्ष किया. मेरे पिता ने हमेशा मेरा साथ दिया और कहते थे कि मैं एक दिन जरूर यह सब हासिल कर पाऊंगा. वह हमेशा प्रेरित करते थे. आज जो भी कुछ भी है और जो सफलता मैंने हासिल की है, वह मेरे माता-पिता की वजह से है.
IPL करियर की पहली गेंद पर छक्का जड़ने पर क्या बोले सूर्यवंशी
आईपीएल करियर की पहली ही गेंद पर छक्का लगाने पर वैभव ने कहा कि वह मेरे लिए सामान्य बात थी. मैंने भारत के लिए अंडर-19 और घरेलू स्तर पर भी क्रिकेट खेला है. वहां भी मैंने पहली ही गेंद पर छक्के लगाए हैं. मुझ पर गेंदे खेलने का दवाब नहीं था. मुझे बस इतना पता था कि अगर गेंद मेरे रडार में हैं तो मैं उसे मारूंगा.
ये भी पढ़ें- Vaibhav Suryavanshi: 14 वर्ष के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास, सबसे तेज 100 बनाने वाले बने भारतीय बल्लेबाज