Ding vs Gukesh: गुकेश बने विश्व के सबसे कम उम्र के शतरंज चैंपियन, आनंद के बाद दूसरे भारतीय विजेता

Gukesh vs Ding Liren: गुकेश ने गार्री कास्परोव का 21 वर्ष की उम्र में विश्व खिताब जीतने का रिकॉर्ड तोड़ा. वे शतरंज के 100 से अधिक वर्षों के इतिहास में 18वें विश्व चैंपियन बने हैं. इस जीत के साथ, उन्होंने शतरंज की दुनिया में एक नई शुरुआत की है.

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Gukesh vs Ding: भारत के डी गुकेश (D Gukesh) ने इतिहास रचते हुए गुरुवार को विश्व शतरंज चैंपियन (World Chess Champion) का खिताब अपने नाम किया. 18 वर्षीय गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन (Ding Liren) को 14 गेम की निर्णायक मैच में हराकर यह उपलब्धि हासिल की. 7.5-6.5 से मैच जीतकर, गुकेश ने न केवल मौजूदा चैंपियन से खिताब छीना, बल्कि वे विश्व चैंपियन बनने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी बन गए.

21 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा

गुकेश ने गार्री कास्परोव का 21 वर्ष की उम्र में विश्व खिताब जीतने का रिकॉर्ड तोड़ा. वे शतरंज के 100 से अधिक वर्षों के इतिहास में 18वें विश्व चैंपियन बने हैं. इस जीत के साथ, उन्होंने शतरंज की दुनिया में एक नई शुरुआत की है.

आनंद के बाद दूसरा भारतीय चैंपियन

गुकेश, पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद के बाद इस खिताब को जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं. आनंद ने आखिरी बार 2013 में यह खिताब गंवाया था, जब नार्वे के मैग्नस कार्लसन ने उन्हें चेन्नई में हराया था. 2023 में कार्लसन ने यह खिताब छोड़ दिया, जिसके बाद डिंग लिरेन ने इयान नेपोम्नियाच्ची को हराकर चैंपियनशिप जीती थी.

डिंग की गलती बनी निर्णायक

तीन सप्ताह के संघर्ष के बाद, डिंग लिरेन 14वें गेम को ड्रॉ की स्थिति में ले जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन एक बड़ी गलती कर बैठे. अपनी रूख (rook) को गलत तरीके से चलने के कारण वह फंस गई, जिससे गुकेश को जीतने का मौका मिल गया.

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गुकेश की भावनाएं

जीत के बाद गुकेश ने कहा, "यह मेरे लिए सपने के सच होने जैसा है. मैं पिछले 10-12 सालों से इस पल का इंतजार कर रहा था. यह एक चमत्कार है और मैं भगवान का धन्यवाद करता हूं." उन्होंने डिंग लिरेन के प्रयासों की सराहना की और कहा कि डिंग ने कठिन परिस्थितियों में भी शानदार खेल दिखाया.

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नई शतरंज क्रांति का आगाज़

गुकेश की इस ऐतिहासिक जीत ने न केवल भारतीय शतरंज को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन गई है. उनकी इस सफलता ने उन्हें भारतीय शतरंज के एक नए नायक के रूप में स्थापित कर दिया है.
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