परंपरागत हरेली त्यौहार के साथ हुआ छत्तीसगढ़ ओलंपिक खेलकूद प्रतियोगिता का आगाज

Chhattisgarhiya Olympic: छत्तीसगढ़ के परंपरागत त्यौहार हरेली त्योहार के साथ ही छत्तीसगढ़ ओलंपिक (Chhattisgarhiya Olympics)  खेलकूद प्रतियोगिता का आगाज हो गया है,

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
छत्तीसगढ़ ओलंपिक खेलकूद प्रतियोगिता का आगाज

Chhattisgarhiya Olympics:  छत्तीसगढ़ के परंपरागत त्यौहार हरेली तिहार के साथ ही छत्तीसगढ़ ओलंपिक (Chhattisgarhiya Olympics) खेलकूद प्रतियोगिता का आगाज हो गया है, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के मंशानुरूप छत्तीसगढ़ के ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ ओलंपिक की शुरुआत की गई है, गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में भी इसका विधिवत आरंभ हुआ है. छत्तीसगढ़ में त्योहारों की शुरुआत हरेली पर्व से होती है.  ग्रामीण किसान अपने खेतों में धान की फसल के उत्पादन का  प्रारंभिक कार्यक्रम धान की बुवाई एवम रोपा के काम से निवृत्त होकर , किए गए मेहनत पर अच्छी फसल की कामना को लेकर हरेली का त्यौहार मनाया जाता है, ऐसा माना जाता है इसी दिन त्योहारों की शुरुआत होती है, और किसान हरेली पर्व पर कुल देवता व कृषि औजारों की पूजा कर किसान अच्छी फसल की कामना करते हैं.

मरवाही विधायक के के ध्रुव ने बताया कि "इस त्यौहार के दिन से ही पिछले 2 वर्षों से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ी खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ ओलंपिक की शुरुआत की गई है,  जिसमें 16 ग्रामीणों को शामिल किया गया है,  जो वास्तव में विलुप्ती के कगार में थे, मुख्य रूप से गिल्ली डंडा , गेड़ी, भंवरा बिल्लस,पिट्टूल, कंचीबाटी, कबड्डी ,खो-खो कुश्ती , जैसे खेल इस प्रतियोगिता में प्रमुख हैं."

Advertisement

इन सभी खेलों को समय के साथ साथ युवा पीढ़ी भूल चुकी थी. अब छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयास से इन खेलों को पुनः जीवंत करने की कोशिश की जा रही है. आज गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में भी इस खेल प्रतियोगिता की शुरुआत हुई है जो चार चरणों में चलेगी.

Advertisement

Advertisement
Topics mentioned in this article