Valentine's day : बेहद खूबसूरत है राजा मानसिंह और मृगनयनी की प्रेम कहानी बताने वाला ये किला, देखिए इन तस्वीरों में
Valentine's day Special : ग्वालियर दुर्ग की प्राचीर पर स्थित गूजरी महल देश के सबसे खूबसूरत किलों में शुमार भव्य और विशाल है. इस खूबसूरत गूजरी महल को ग्वालियर के तत्कालीन राजा मानसिंह तोमर ने अपनी मोहब्बत की यादों को कालजयी बनाने के लिए बनवाया था. गूजरी महल का दीदार करने के लिए देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से हजारों प्रेमी जोड़े और पर्यटक यहां आते हैं. फोटो- कंटेंट- देवश्री माली, अंबु शर्मा
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14 - 15 वीं शताब्दी में ग्वालियर में राजा मानसिंह तोमर का शासन था. वे कला, सौंदर्य और संगीत के प्रेमी ही नहीं पुजारी भी थे. उन्होंने शास्त्रीय संगीत में ध्रुपद की रचना की. तानसेन और बैजू बावरा उन्हीं के दरबार में थे, जिनमें से एक तानसेन को कालान्तर में अकबर ने अपने नव रत्नों में शुमार किया.
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इसके साथ ही निन्नी के राई गांव से किले पर गूजरी महल तक लगभग 16 मील लंबी मिट्टी की पाइपलाइन बिछाकर सांक नदी का पानी लाया गया. इसके साथ ही जब राजा मानसिंह तोमर युद्ध के लिए जाते थे, तो रानी कंधे से कंधा मिलाकर हर युद्ध में खड़ी रहती थी. महल का हर एक कोना इस प्रेम कहानी का जीवंत एहसास कराता है.
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राजा मानसिंह तोमर को अब सपने में भी रानी की खूबसूरती दिखाई देने लगी और उसके बाद एक दिन राजा ने युवती के समक्ष जाकर शादी का प्रस्ताव रख दिया. लेकिन राजा के प्रस्ताव को पहले तो युवती ने अस्वीकार कर दिया लेकिन ग्रामीणों और परिजनो के समझाने पर जैसे - तैसे वह मानने को तैयार भी हुई तो उसने रानी बनने से पहले अनेक शर्तें राजा के सामने रख दी. इस युवती का नाम था निन्नी जिसे बाद में इतिहास मृगनयनी के नाम से याद करता है.
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युवती ने कहा कि अगर राजा मानसिंह उसकी इन कगार शर्तों को पूरा करेंगे तभी वह अपना गांव छोड़कर महल में रानी बनकर जाएगी अन्यथा वह तो गांव में ही खुश है. पहली शर्त थी कि उसके लिए किले पर अलग से महल बनवाया जाए. इसका नाम रानी मृगनयनी महल हो या गूजरी महल.
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निन्नी की दूसरी शर्त थी कि वह रहेगी भले ही महल में लेकिन पानी अपने गांव का ही पीएगी. गूजरी के पीने के उसके गांव राई से नदी का पानी महल तक लाया जाए। तीसरी शर्त रखी कि वह युद्ध के समय रणभूमि में रानी सदैव राजा के साथ मौजूद रहेगी.
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चौथी शर्त ये थी कि वह कभी पर्दा नहीं करेगी. राजा ने गूजरी के लिए अलग से महल बनवाया, गांव से पानी लाने पाइपलाइन बिछवाई. राजा मान सिंह तोमर रानी मृगनयनी की इन चार शर्तों को मानने के लिए स्वीकार हो गए और उसके बाद राजा ने गूजरी के लिए अलग से महल का निर्माण कराया जो कला और वास्तु का अनूठा नमूना है.
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किंवदंती है एक बार ग्वालियर के राजा मानसिंह तोमर शिकार करने के लिए जंगल में निकले थे. जब वे शिकार के लिए भटक रहे थे, तभी उनकी नजर एक ठेठ ग्रामीण गुर्जर समाज की एक युवती पर पड़ी. जो एक साथ दो जंगली भैंसों से अकेले लड़ रही थी. जब राजा मानसिंह तोमर ने रानी को दो भैंसों के साथ युद्ध करते देखा तो उनकी वीरता, युद्धकौशल और खूबसूरती को देखकर वह कायल हो गए. फोटो- कंटेंट- देवश्री माली, अंबु शर्मा
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