MP: पंडालों में दिखा "मां की अदालत" का अनूठा दृश्य, देखें तस्वीरें
कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ हुए बलात्कार और हत्या के वीभत्स कांड की गूंज जबलपुर के दुर्गा उत्सव के दौरान भी सुनाई दे रही है. नारी सशक्तिकरण के प्रतीक दुर्गा पूजा के इस पर्व में इस घटना ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठा दिया है - महिलाओं की सुरक्षा. (फोटो/कंटेंट- संजीव चौधरी/अंबु शर्मा)
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जबलपुर के विभिन्न दुर्गा उत्सव समितियों ने इस घटना से प्रेरणा लेते हुए अपनी झांकियों और पंडालों के माध्यम से महिलाओं को जागरूक करने और उनके प्रति समाज की जिम्मेदारी को दर्शाने का प्रयास किया है.
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इस झांकी में अदालत के कटघरे में दो दुराचारी खड़े हुए दिखाई देते हैं, जबकि दूसरी ओर पीड़ित महिला चिकित्सक का निष्प्राण शरीर नज़र आता है.
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शोभापुर वीएफजे दुर्गा उत्सव समिति ने इस दिशा में एक अनूठी पहल की है. समिति ने मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ "मां की अदालत" का दृश्य प्रस्तुत किया है.
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झांकी के बीच में फांसी का फंदा लटक रहा है,जो स्पष्ट रूप से न्याय की पुकार और दोषियों को कठोरतम सजा की मांग कर रहा है. इसके अलावा स्थान-स्थान पर पोस्टरों के माध्यम से संदेश दिए जा रहे हैं कि दुष्कर्मियों को किसी भी हाल में बख्शा न जाए.
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प्रभातपुल दुर्गा उत्सव समिति ने भी अपनी झांकी के जरिए एक मार्मिक संदेश दिया है. उनकी झांकी में दुर्गा माता की प्रतिमा के चारों ओर महिलाओं के जमीन से उठते हाथ दिखाए गए हैं, जो दुष्कर्म पीड़िताओं की रक्षा की प्रार्थना करते हैं.
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महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण की आवश्यकता को दर्शाने का प्रयास किया गया है. पंडाल के चारों ओर प्रेरक नारे लगाए गए हैं, जिनका उद्देश्य समाज में महिलाओं के प्रति जागरूकता फैलाना है,ताकि महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति सजग और सशक्त हो सकें.
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इन झांकियों और पंडालों को महिला वर्ग की काफी सराहना मिल रही है. यह प्रशंसा इस बात का संकेत है कि ऐसे आयोजन समाज में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं और महिलाओं की सुरक्षा के प्रति लोगों में जिम्मेदारी का भाव जगा सकते हैं.
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