डिंडौरी में पर्यावरण का संरक्षण: कैसे पौधे लगाकर मिसाल बनी 'पृथ्वी सेना', जाने इसकी खासियत
World Environment Day: पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा के लिए डिंडौरी जिले के चांदपुर गांव में युवा और बच्चों ने एक पहल की शुरुआत की. दरअसल, इस गांव के बच्चे और युवाओं ने गांव को हरा भरा बनाए रखने के लिए पृथ्वी सेना बनाई है. वहीं इस पहल के तहत इन लोगों ने गांव में अब तक सैंकड़ों पीपल और बरगद के पेड़ लगा चुके है. सरकारी मदद के बिना ही आपस में चंदा जुटा कर पृथ्वी सेना का अभियान का 5 सालों से संचालन कर रहे हैं. बता दें कि इन युवाओं ने आसपास के गांवों में भीषण जलसंकट को देखते हुए पृथ्वी सेना बनाई.
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मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले के चांदपुर गांव में पर्यावरण संरक्षण को लेकर दीवानगी देखते ही बनती है. गांव को हरा भरा रखने के लिए छोटे-छोटे स्कूली बच्चे और युवाओं ने मिलकर एक टीम बनाई है, जिसे उन्होंने पृथ्वी सेना का नाम दिया है. पृथ्वी सेना प्रत्येक रविवार को अलसुबह पूरे गांव के हरे भरे पौधों को पानी देने के साथ उसकी सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम करती है. पौधों के संरक्षण के साथ-साथ हर रविवार को पीपल और बरगद के पौधे लगाती है और उनको सुरक्षित रखने पत्थरों व लकड़ियों का ट्री गार्ड भी बनाती हैं. (Photo-Vijay Tiwari , edited by- Priya sharma)
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सरकारी मदद के बिना जारी है पृथ्वी सेना का अभियान: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पृथ्वी सेना के द्धारा पौधारोपण कर ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक करने का काम किया जा रहा है. दरअसल चांदपुर के आसपास के ग्रामों में जलसंकट की भयावह स्थिति को देखते हुए गांव के युवाओं ने पर्यावरण की सुरक्षा एवं संरक्षण करने पांच साल पहले एक टीम बनाई जिसे पृथ्वी सेना का नाम दिया. पृथ्वी सेना ने पहले साल में ही सैंकड़ों पौधे लगाये थे जो अब पेड़ बनकर लहलहा रहे हैं.पृथ्वी सेना में गांव के ही करीब 25 युवा समेत छोटे छोटे स्कूली बच्चे भी शामिल हैं जिनके द्धारा न सिर्फ पौधे लगाये जाते हैं बल्कि पौधों की सुरक्षा के लिए फटे पुराने कपड़ों एवं लकड़ियों को एकत्र कर जुगाड़ से ट्री गार्ड तैयार कर सिंचाई आदि का भी ध्यान रखा जाता है. ख़ास बात यह है पृथ्वी सेना के द्धारा ज्यादा से ज्यादा पीपल व बरगद के पौधे लगाये जाते हैं क्योंकि ग्रामीण इलाकों में पीपल व बरगद के पेड़ को देवतुल्य माना जाता है. लिहाजा ग्रामीण उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. इसके अलावा पीपल व बरगद में ऑक्सीजन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जिसको ध्यान में रखकर भी पीपल व बरगद के ही पौधे लगाए जाते हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि सरकारी मदद लिए बिना आपस में चंदा जुटाकर पृथ्वी सेना का अभियान निरंतर जारी है. पौधारोपण के अलावा जंगलों की सुरक्षा करने में भी पृथ्वी सेना विशेष भूमिका निभाती है. (Photo-Vijay Tiwari , edited by- Priya sharma)
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पृथ्वी सेना की पहल के बाद बढ़ा गांव का जलस्तर: पर्यावरण संरक्षण को लेकर इस गांव के छोटे छोटे बच्चे व बुजुर्ग कितने उत्साह के साथ काम करते हैं जिसका अंदाजा इन तस्वीरों को देखकर बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है.महज 4 वर्ष की उम्र में निकित कुमार भी पृथ्वी सेना के मेंबर हैं जो इतनी छोटी सी उम्र में पौधों में पानी डालने की ड्यूटी बड़ी शिद्दत के साथ निभाते हैं. चांदपुर गांव में पृथ्वी सेना के कामों से प्रभावित होकर आसपास के ग्रामों में भी लोग पर्यावरण के प्रति सजग हो रहे हैं. पृथ्वी सेना के द्धारा पौधा रोपण कर करके गांव को हरा भरा कर दिया, जिससे उन्हें शुद्ध हवा तो मिल ही रही है साथ ही जलस्तर में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रहा है.जो नदी नाले एवं जलस्रोत गर्मी आते ही सूख जाते थे आज उनमें पर्याप्त पानी रहता है. (Photo-Vijay Tiwari, edited by- Priya sharma)
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पर्यावरण संरक्षण की मिसाल बने चांदपुर गांव के युवा और बच्चे : आज विश्व पर्यावरण दिवस है और सिर्फ आज के ही दिन पर्यावरण संरक्षण एवं सुरक्षा को लेकर तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किये जायेंगे,बड़ी बड़ी बातें और दावे भी किये जायेंगे,सोशल मीडिया में पौधा लगाते हुए तस्वीरों की बाढ़ आ जाएगी और अगले ही दिन सबकुछ पहले जैसे हो जायेगा. हमें डिंडौरी जिले के इस छोटे से गांव के युवाओं से सीख लेना चाहिए और समझना चाहिए की पर्यावरण का संरक्षण कितना जरुरी है. (Photo-Vijay Tiwari , edited by- Priya sharma)
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गांव को हरा भरा करने युवाओं व बच्चों ने बनाई पृथ्वी सेना: पर्यावरण का संरक्षण जरुरी है ये कहने की बात नहीं है बल्कि इसे समझना और इसके लिए प्रयास करना भी जरुरी है. मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में चांदपुर गांव के युवाओं व बच्चों ने मिलकर एक टीम बनाई है जिसे पृथ्वी सेना का नाम दिया गया है. पृथ्वी सेना ने गांव को हरा भरा रखने का बीड़ा उठाया है. जंगल और जीव जंतु हमारे ईको सिस्टम का हिस्सा हैं ऐसे में इनका संरक्षण बेहद अहम माना जाता है. मानव जीवन के लिए इनका होना बेहद जरुरी है लेकिन आधुनिकता के इस दौर में ईको सिस्टम को काफी नुकसान हो रहा है. जंगल सिमट रहे हैं ऐसे में जीव जंतुओं की संख्या भी कम होने लगी है साथ ही जलस्तर भी काफी गिरता जा रहा है, लेकिन डिंडौरी जिले में चांदपुर गांव के युवा पर्यावरण के महत्व को समझते हैं और यही वजह है की इन लोगों ने बनाई है पृथ्वी सेना. (Photo-Vijay Tiwari , edited by- Priya sharma)
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