छत्तीसगढ़: कांकेर में बहा 'जुगाड़' का पुल, 20 से ज्यादा गांव बने टापू

छत्तीसगढ़ के कांकेर के नक्सल प्रभावित कोयलीबेड़ा इलाके में ग्रामीणों ने लकड़ी से एक जुगाड़ का पुल बनाया था. जो पहली ही बारिश में बह गया है.

  • पुल के बहने से इस क्षेत्र के लगभग 12 से अधिक गांवों का संपर्क ब्लॉक हेडऑफिस से कट गया है.
    पुल के बहने से इस क्षेत्र के लगभग 12 से अधिक गांवों का संपर्क ब्लॉक हेडऑफिस से कट गया है.
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  • लंबे समय से क्षेत्र के ग्रामीण पुल की मांग करते आ रहे हैं. हर साल ग्रामीण इस लकड़ी के पुल को मजबूत करते रहे हैं, लेकिन इस बार यह पुल बारिश की चपेट में आ गया.
    लंबे समय से क्षेत्र के ग्रामीण पुल की मांग करते आ रहे हैं. हर साल ग्रामीण इस लकड़ी के पुल को मजबूत करते रहे हैं, लेकिन इस बार यह पुल बारिश की चपेट में आ गया.
  • दरअसल छत्तीसगढ़ में बारिश का दौर जारी है. बारिश से नदी नालों में पानी भर आया है. कांकेर जिले में भी मानसून की दस्तक के बाद से रुक-रुक कर बारिश हो रही है.
    दरअसल छत्तीसगढ़ में बारिश का दौर जारी है. बारिश से नदी नालों में पानी भर आया है. कांकेर जिले में भी मानसून की दस्तक के बाद से रुक-रुक कर बारिश हो रही है.
  • बारिश से अंदरूनी इलाकों में बहने वाले नदी-नालों में पानी भर आया है.
    बारिश से अंदरूनी इलाकों में बहने वाले नदी-नालों में पानी भर आया है.
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  • कोयलीबेड़ा क्षेत्र के ग्राम अंजाड़ी में नेलडोडा नाले पर ग्रामीणों ने लड़की का पुल बनाया था. बारिश की वजह से बहाव तेज होने के कारण यह पुल भी बह गया.
    कोयलीबेड़ा क्षेत्र के ग्राम अंजाड़ी में नेलडोडा नाले पर ग्रामीणों ने लड़की का पुल बनाया था. बारिश की वजह से बहाव तेज होने के कारण यह पुल भी बह गया.
  • गौरतलब है कि जिले के पखांजूर इलाके से अंजाड़ी, माचपल्ली, पीव्ही 62, पीव्ही 94 जैसे बहुत से गांव हैं.
    गौरतलब है कि जिले के पखांजूर इलाके से अंजाड़ी, माचपल्ली, पीव्ही 62, पीव्ही 94 जैसे बहुत से गांव हैं.
  • बारिश के दौरान इन सभी दर्जन भर से अधिक गांव का संपर्क ब्लॉक व तहसील से जुड़ जाता है.
    बारिश के दौरान इन सभी दर्जन भर से अधिक गांव का संपर्क ब्लॉक व तहसील से जुड़ जाता है.
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  • सात दशकों से इस क्षेत्र के ग्रामीण श्रमदान कर इस नाले पर बांस-बल्ली के सहारे लड़की का अस्थाई पुल बनाते आ रहे है.
    सात दशकों से इस क्षेत्र के ग्रामीण श्रमदान कर इस नाले पर बांस-बल्ली के सहारे लड़की का अस्थाई पुल बनाते आ रहे है.
  • ग्रामीण युवक राजेश नरेटी ने बताया कि राज्य को बने हुए 20 साल से अधिक हो चुके हैं. हर साल ग्रामीण इसी तरह लकड़ी के पुल के सहारे जान जोखिम में डालकर आना-जाना करते हैं.
    ग्रामीण युवक राजेश नरेटी ने बताया कि राज्य को बने हुए 20 साल से अधिक हो चुके हैं. हर साल ग्रामीण इसी तरह लकड़ी के पुल के सहारे जान जोखिम में डालकर आना-जाना करते हैं.
  • 13 किलोमीटर दूर पखांजूर तहसील होने के कारण यहां से दूरी बेहद कम हो जाती है.
    13 किलोमीटर दूर पखांजूर तहसील होने के कारण यहां से दूरी बेहद कम हो जाती है.
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  • राशन लाने सहित, बच्चों के स्कूल आने जाने, बीमार व्यक्ति को लेकर जाने इन सभी कार्यो के लकड़ी का पुल एक सहारा था. लेकिन अब यह पुल भी बह गया है.
    राशन लाने सहित, बच्चों के स्कूल आने जाने, बीमार व्यक्ति को लेकर जाने इन सभी कार्यो के लकड़ी का पुल एक सहारा था. लेकिन अब यह पुल भी बह गया है.
  • पुल टूट जाने से अब ग्रामीणों को 40 किलोमीटर की लंबी दूरी तय कर बांदे जाना पड़ेगा.
    पुल टूट जाने से अब ग्रामीणों को 40 किलोमीटर की लंबी दूरी तय कर बांदे जाना पड़ेगा.
  • अंजाड़ी नाला पर पुल निर्माण की मांग ग्रामीण लंबे समय से करते आ रहे हैं. पुल निर्माण के लिए 10 अगस्त 2021 को 7 करोड़ 44 लाख 23 हजार रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल गई.
    अंजाड़ी नाला पर पुल निर्माण की मांग ग्रामीण लंबे समय से करते आ रहे हैं. पुल निर्माण के लिए 10 अगस्त 2021 को 7 करोड़ 44 लाख 23 हजार रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल गई.
  • क्षेत्रीय विधायक अनूप नाग ने जोर-शोर के साथ पुल निर्माण के लिए भूमिपूजन भी कर दिया. लेकिन निर्माण कार्य शुरू ना हो सका.
    क्षेत्रीय विधायक अनूप नाग ने जोर-शोर के साथ पुल निर्माण के लिए भूमिपूजन भी कर दिया. लेकिन निर्माण कार्य शुरू ना हो सका.
  • नाले के तेज बहाव में अस्थाई लड़की के पुल के बह जाने से अब ग्रामीण बेहद परेशान हैं. जिससे जनजीवन काफी प्रभावित है.
    नाले के तेज बहाव में अस्थाई लड़की के पुल के बह जाने से अब ग्रामीण बेहद परेशान हैं. जिससे जनजीवन काफी प्रभावित है.