छत्तीसगढ़ की इस जगह में श्री राम का ननिहाल, कौशल्या मां की गोदी में हैं उनके लाल, देखिए तस्वीरें

Ram's maternal house: भगवान श्री राम की जन्म स्थली अयोध्या के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन श्री राम के ननिहाल से बहुत ही कम लोग वाकिफ हैं. छत्तीसगढ़ में ये प्रचलित मान्यता है कि माता कौशल्या कौशल प्रदेश यानि छत्तीसगढ़ की रहने वाली थी. इसलिए इसे रामचंद्र का ननिहाल माना जाता है. 126 तालाबों वाले इस गांव में जलसेन तालाब के बीच में माता कौशल्या का मंदिर स्थित है जो पूरे भारत में सिर्फ यहीं पर है.

  • भगवान  श्री राम की जन्म स्थली अयोध्या के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन श्री राम के ननिहाल से बहुत ही कम लोग वाकिफ हैं. छत्तीसगढ़ में ये प्रचलित मान्यता है कि माता कौशल्या कौशल प्रदेश यानि छत्तीसगढ़ की रहने वाली थी. इसलिए इसे रामचंद्र का ननिहाल माना जाता है. 126 तालाबों वाले इस गांव में जलसेन तालाब के बीच में माता कौशल्या का मंदिर स्थित है जो पूरे भारत में सिर्फ यहीं पर है.
    भगवान श्री राम की जन्म स्थली अयोध्या के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन श्री राम के ननिहाल से बहुत ही कम लोग वाकिफ हैं. छत्तीसगढ़ में ये प्रचलित मान्यता है कि माता कौशल्या कौशल प्रदेश यानि छत्तीसगढ़ की रहने वाली थी. इसलिए इसे रामचंद्र का ननिहाल माना जाता है. 126 तालाबों वाले इस गांव में जलसेन तालाब के बीच में माता कौशल्या का मंदिर स्थित है जो पूरे भारत में सिर्फ यहीं पर है.
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  • छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 17 किलोमीटर दूर स्थित चंदखुरी गांव को भगवान राम की मां कौशल्या का जन्म माना जाता है. यहां माता कौशल्या का मंदिर  स्थित है जो की 10वीं शताब्दी का बताया गया है. जानकारों के मुताबिक महाकौशल के राजा भानुमंत की बेटी कौशल्या का विवाह अयोध्या के राज दशरथ से हुआ था. भेंटस्वरूप राजा भानुमंत ने कौशल्या को दस हजार गांव भेंट स्वरूप दिए गए थे. जिसमें कौशल्या का जन्म स्थान चंद्रपुरी भी शामिल था.   ( Photo Credit - X)
    छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 17 किलोमीटर दूर स्थित चंदखुरी गांव को भगवान राम की मां कौशल्या का जन्म माना जाता है. यहां माता कौशल्या का मंदिर स्थित है जो की 10वीं शताब्दी का बताया गया है. जानकारों के मुताबिक महाकौशल के राजा भानुमंत की बेटी कौशल्या का विवाह अयोध्या के राज दशरथ से हुआ था. भेंटस्वरूप राजा भानुमंत ने कौशल्या को दस हजार गांव भेंट स्वरूप दिए गए थे. जिसमें कौशल्या का जन्म स्थान चंद्रपुरी भी शामिल था. ( Photo Credit - X)
  • चंदखुरी का ही प्राचीन नाम चंद्रपुरी था. जिस तरह अपनी जन्मभूमि से सभी को लगाव होता है ठीक उसी तरह माता कौशल्या को भी चंद्रपुर विशेष प्रिय था.राजा दशरथ से विवाह के बाद माता कौशल्या ने तेजस्वी और यशस्वी पुत्र राम को जन्म दिया.
    चंदखुरी का ही प्राचीन नाम चंद्रपुरी था. जिस तरह अपनी जन्मभूमि से सभी को लगाव होता है ठीक उसी तरह माता कौशल्या को भी चंद्रपुर विशेष प्रिय था.राजा दशरथ से विवाह के बाद माता कौशल्या ने तेजस्वी और यशस्वी पुत्र राम को जन्म दिया.
  • विभिन्न शोधपत्रों, अभिलेखों एवं मान्यता अनुसार भगवान श्री राम ने अपना वनवास काल छत्तीसगढ़ में विभिन्न स्थानों पर बीताया था. चंदखुरी को भगवान श्रीराम का ननिहाल माना जाता है.   ( Photo Credit - X)
    विभिन्न शोधपत्रों, अभिलेखों एवं मान्यता अनुसार भगवान श्री राम ने अपना वनवास काल छत्तीसगढ़ में विभिन्न स्थानों पर बीताया था. चंदखुरी को भगवान श्रीराम का ननिहाल माना जाता है. ( Photo Credit - X)
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  • सोमवंशी राजाओं की बनाई गई प्रतिमा आज भी चंदखुरी के मंदिर में मौजूद है.जिसमें भगवान राम को गोद में लिए हुए माता कौशल्या की प्रतिमा स्थापित है.   ( फोटो - X , कंटेंट - अंबु शर्मा)
    सोमवंशी राजाओं की बनाई गई प्रतिमा आज भी चंदखुरी के मंदिर में मौजूद है.जिसमें भगवान राम को गोद में लिए हुए माता कौशल्या की प्रतिमा स्थापित है. ( फोटो - X , कंटेंट - अंबु शर्मा)