Achanakmar Sanctuary : यहां स्तनधारी जीव और 200 से ज्यादा प्रजातियों के हैं पक्षी, केंवची से प्रवेश की सुविधा मिली तो बढ़ेंगे पर्यटक, देखें तस्वीरें

छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध अचानकमार अभयारण्य टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पर्यटकों के भ्रमण के लिए गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के केंवची से भी प्रवेश की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की जा रही है. अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर क्षेत्र में अभी सिर्फ बिलासपुर की ओर से शिव तराई से प्रवेश की सुविधा पर्यटकों को है.

  • 2009 में बाघों की संख्या के लिए अचानकमार अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया. अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर रिजर्व की गिनती देश के 39 टाइगर रिजर्व में होती है यहां बाघ, तेंदुआ, गौर, उड़न गिलहरी, जंगली सुअर, बायसन, चिलीदार हिरण, भालू, लकड़बग्घा, सियार, चार सिंग वाले मृग, चिंकारा सहित 50 प्रकार स्तनधारी जीव और 200 से भी अधिक विभिन्न प्रजातियों के पक्षी देखे जा सकते हैं. 
(फोटो- कंटेंट- अखिलेश नामदेव, अंबु शर्मा)
    2009 में बाघों की संख्या के लिए अचानकमार अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया. अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर रिजर्व की गिनती देश के 39 टाइगर रिजर्व में होती है यहां बाघ, तेंदुआ, गौर, उड़न गिलहरी, जंगली सुअर, बायसन, चिलीदार हिरण, भालू, लकड़बग्घा, सियार, चार सिंग वाले मृग, चिंकारा सहित 50 प्रकार स्तनधारी जीव और 200 से भी अधिक विभिन्न प्रजातियों के पक्षी देखे जा सकते हैं. (फोटो- कंटेंट- अखिलेश नामदेव, अंबु शर्मा)
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  • अभी अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर क्षेत्र में सिर्फ बिलासपुर से सड़क मार्ग द्वारा शिवतराई के पास प्रवेश की सुविधा है. यही मार्ग टाइगर क्षेत्र घोषित होने के पहले परंपरागत सड़क मार्ग था. जो अचानकमार ,लमनी, छपरवा ,केंवची होकर गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले को जोड़ता है. 
(फोटो- कंटेंट- अखिलेश नामदेव, अंबु शर्मा)
    अभी अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर क्षेत्र में सिर्फ बिलासपुर से सड़क मार्ग द्वारा शिवतराई के पास प्रवेश की सुविधा है. यही मार्ग टाइगर क्षेत्र घोषित होने के पहले परंपरागत सड़क मार्ग था. जो अचानकमार ,लमनी, छपरवा ,केंवची होकर गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले को जोड़ता है. (फोटो- कंटेंट- अखिलेश नामदेव, अंबु शर्मा)
  • अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर क्षेत्र के शिवतराई स्थित प्रवेश द्वार तक पहुंचने के लिए उन्हें लगभग 130 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. उतनी ही दूरी तय करके फिर वापस कर आना पड़ता है. ऐसे में  पर्यटक अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर क्षेत्र देखने से वंचित रह जाते हैं.  पर्यटन प्रेमियों की मांग है कि उन्हें गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के केंवची स्थित प्रवेश द्वार से प्रवेश की सुविधा दी जाए.
(फोटो- कंटेंट- अखिलेश नामदेव, अंबु शर्मा)
    अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर क्षेत्र के शिवतराई स्थित प्रवेश द्वार तक पहुंचने के लिए उन्हें लगभग 130 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. उतनी ही दूरी तय करके फिर वापस कर आना पड़ता है. ऐसे में पर्यटक अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर क्षेत्र देखने से वंचित रह जाते हैं. पर्यटन प्रेमियों की मांग है कि उन्हें गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के केंवची स्थित प्रवेश द्वार से प्रवेश की सुविधा दी जाए. (फोटो- कंटेंट- अखिलेश नामदेव, अंबु शर्मा)
  • अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर रिजर्व क्षेत्र की यह सड़क अभी आम आवाजाही के लिए बंद है और सड़क काफी खराब है. पर्यटन प्रेमियों ने छत्तीसगढ़ शासन के वन विभाग से अनुरोध किया है कि अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र के भीतर की सड़कों का डामरीकरण रिन्यूअल कराएं तथा गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के केवचीं से पर्यटकों को प्रवेश की सुविधा प्रदान करें.
(फोटो- कंटेंट- अखिलेश नामदेव, अंबु शर्मा)
    अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर रिजर्व क्षेत्र की यह सड़क अभी आम आवाजाही के लिए बंद है और सड़क काफी खराब है. पर्यटन प्रेमियों ने छत्तीसगढ़ शासन के वन विभाग से अनुरोध किया है कि अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र के भीतर की सड़कों का डामरीकरण रिन्यूअल कराएं तथा गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के केवचीं से पर्यटकों को प्रवेश की सुविधा प्रदान करें. (फोटो- कंटेंट- अखिलेश नामदेव, अंबु शर्मा)
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  • अचानकमार टाइगर रिजर्व में मौजूदा वक्त पर 9 टाइगर की मौजूदगी की पुष्टि कैमरा ट्रैपिंग के बाद की गई है. छत्तीसगढ़ के शीर्ष पर्यावरण विद् प्राण चड्ढा ने बताया कि पार्क के डिप्टी डायरेक्टर विष्णु नायर ने इसकी पुष्टि की है. शीतकालीन फेस-4  मॉनिटरिंग 139 फोटो में टाइगर कैप्चर हुए हैं जिसका एनलाइसिस करने पर 9 अलग टाइगर की पुष्टि हुई है.
(फोटो- कंटेंट- अखिलेश नामदेव, अंबु शर्मा)
    अचानकमार टाइगर रिजर्व में मौजूदा वक्त पर 9 टाइगर की मौजूदगी की पुष्टि कैमरा ट्रैपिंग के बाद की गई है. छत्तीसगढ़ के शीर्ष पर्यावरण विद् प्राण चड्ढा ने बताया कि पार्क के डिप्टी डायरेक्टर विष्णु नायर ने इसकी पुष्टि की है. शीतकालीन फेस-4 मॉनिटरिंग 139 फोटो में टाइगर कैप्चर हुए हैं जिसका एनलाइसिस करने पर 9 अलग टाइगर की पुष्टि हुई है. (फोटो- कंटेंट- अखिलेश नामदेव, अंबु शर्मा)
  • टाइगर के बदन की धारियां, दूसरे टाइगर से मेल नहीं खाती,कैमरे के फोटोग्राफ नेशनल कंजर्वेशन अथार्टी आफ इंडिया के बॉयोलाजिस्ट को भेजा गया था. जिसकी रिपोर्ट यहां मिलने के बाद 9 टाइगर होने की जानकारी दे गई है. इसके पहले 8 टाइगर गणना में मिले थे. मुख्य बात यह है कि इस अवधि में किसी टाइगर के शिकार या मरने की खबर नहीं रही.
(फोटो- कंटेंट- अखिलेश नामदेव, अंबु शर्मा)
    टाइगर के बदन की धारियां, दूसरे टाइगर से मेल नहीं खाती,कैमरे के फोटोग्राफ नेशनल कंजर्वेशन अथार्टी आफ इंडिया के बॉयोलाजिस्ट को भेजा गया था. जिसकी रिपोर्ट यहां मिलने के बाद 9 टाइगर होने की जानकारी दे गई है. इसके पहले 8 टाइगर गणना में मिले थे. मुख्य बात यह है कि इस अवधि में किसी टाइगर के शिकार या मरने की खबर नहीं रही. (फोटो- कंटेंट- अखिलेश नामदेव, अंबु शर्मा)
  • तीर्थ स्थल अमरकंटक आने वाले यात्री एवं पर्यटक कटनी बिलासपुर लाइन के पेंड्रारोड रेलवे स्टेशन पर उतरते हैं . पेंड्रारोड से ही अलग-अलग सड़क मार्ग से अमरकंटक जाते हैं.  गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले केंवची की ओर से अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर क्षेत्र में प्रवेश की इजाजत नहीं है इसलिए उन्हें निराश होना पड़ता है. 
(फोटो- कंटेंट- अखिलेश नामदेव, अंबु शर्मा)
    तीर्थ स्थल अमरकंटक आने वाले यात्री एवं पर्यटक कटनी बिलासपुर लाइन के पेंड्रारोड रेलवे स्टेशन पर उतरते हैं . पेंड्रारोड से ही अलग-अलग सड़क मार्ग से अमरकंटक जाते हैं. गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले केंवची की ओर से अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर क्षेत्र में प्रवेश की इजाजत नहीं है इसलिए उन्हें निराश होना पड़ता है. (फोटो- कंटेंट- अखिलेश नामदेव, अंबु शर्मा)
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