MP News in Hindi : दमोह जिला अस्पताल में एक और दर्दनाक घटना सामने आई है. जबेरा की रहने वाली रचना अहिरवार की नॉर्मल डिलीवरी के दो दिन बाद मौत हो गई. परिवार का कहना है कि डॉक्टर और नर्स की लापरवाही के कारण उनकी जान गई. वहीं, अस्पताल का कहना है कि मौत खून का थक्का जमने से हुई. 25 जनवरी को रचना अहिरवार को उनके पति अजय अहिरवार अस्पताल लेकर आए थे. उसी दिन दोपहर 2 बजे रचना ने एक बेटे को जन्म दिया. डिलीवरी नॉर्मल थी और सबकुछ ठीक लग रहा था.
महिला की अचानक बिगड़ी हालत
26 जनवरी की रात रचना की तबीयत अचानक खराब हो गई. परिवार ने नर्स और डॉक्टर को बुलाया. रचना को इंजेक्शन दिया गया और खून चढ़ाया गया, लेकिन उसकी हालत बिगड़ती चली गई. आखिरकार 29 जनवरी की सुबह करीब 10 बजे रचना ने दम तोड़ दिया.
घटना के बाद क्या बोले परिजन ?
रचना के ससुर हल्लू लाल अहिरवार ने आरोप लगाया कि डिलीवरी के बाद सबकुछ ठीक था. लेकिन मेडिकल स्टाफ की लापरवाही के कारण उनकी बहू की जान चली गई. परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
अस्पताल का क्या कहना है ?
जिला अस्पताल के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. अमित जैन ने बताया कि इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई. उनकी केस हिस्ट्री के मुताबिक, खून का थक्का फेफड़ों की नस में जमने से सांस लेने में दिक्कत हुई और हार्ट फेल हो गया.
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डॉक्टरों ने बताया कि रचना की मौत का सही कारण जानने के लिए पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी. मालूम हो कि ये कोई पहली घटना नहीं है. दमोह जिला अस्पताल में हाल ही में पांच और प्रसूता महिलाओं की मौत हुई है. सभी मामलों की जांच चल रही है.