World Post Day 2023: 1854 में पहली बार भारत में जारी हुआ था डाक टिकट

जब भारत में डाक की शुरुआत हुई तो इसके माध्यम से लोगों को रोजगार के भी कई अवसर प्राप्त होने लगे. विश्व डाक दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य डाक सेवाओं की भूमिका के बारे में लोगों को जागरूक करना है.

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World Post Day 2023: विश्व भर में हर साल 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस (World Post Day) मनाया जाता है. इस दिवस (World Post Day) को मनाने के पीछे का उद्देश्य हमारे दैनिक जीवन में डाक के महत्व को दर्शाना है. डाकघर द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानने के लिए और इसकी उपयोगिता दर्शाने के लिए विश्व डाक दिवस (World Post Day) मनाया जाता है. विश्व डाक दिवस के मौके पर हम आपको विश्व डाक दिवस का इतिहास और इससे जुड़ी रोचक जानकारियां बताने जा रहे हैं. 

डाक टिकटों का इतिहास है 183 साल पुराना 
वर्ल्ड पोस्ट डे (World Post Day) की शुरुआत वर्ष 1840 के समय इंग्लैंड में एक प्रणाली के तहत की गई. इस प्रणाली में जो भी डाक पत्र होते थे, उन पर भुगतान पहले यानी प्रीपेड रूप से करना होता था. इसकी शुरुआत कर रोलैंड हल द्वारा की गई. सर रोलैंड हिले ने ही दुनिया की पहली डाक टिकट भी पेश की थी. भारत में पहली बार सन 1766 में ब्रिटिश शासन काल में लॉर्ड क्लाइव द्वारा डाक व्यवस्था की शुरुआत की गई. संपूर्ण विश्व में डाक टिकटों का इतिहास करीब 183 वर्ष पुराना है. लेकिन भारत में 1774 में वारेन हेस्टिंग ने कोलकाता जीपीओ की स्थापना की. इसके बाद चेन्नई और मुंबई में जनरल पोस्ट ऑफिस 1786- 1793 में अस्तित्व में आया.

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विश्व डाक दिवस का महत्व 
जब भारत में डाक की शुरुआत हुई तो इसके माध्यम से लोगों को रोजगार के भी कई अवसर प्राप्त होने लगे. विश्व डाक दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य डाक सेवाओं की भूमिका के बारे में लोगों को जागरूक करना है. प्राचीन काल में डाक सेवा का प्रयोग राजा महाराजा और शाही घराने के लोग ही किया करते थे. 

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82% आबादी को मिलती है होम डिलीवरी की सुविधा 
आज पूरा विश्व डाक दिवस मना रहा है. वर्ल्ड पोस्ट डे मनाने के लिए हर बार एक अलग थीम होती है. इस साल संयुक्त राष्ट्र ने "एक साथ विश्वास के लिए एक सुरक्षित और जुड़े हुए भविष्य के लिए सहयोग" की थीम रखी है. 

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डाक से जुड़ी कुछ रोचक बातें 
1-दुनिया की लगभग 82 फ़ीसदी आबादी को डाक के माध्यम से होम डिलीवरी की सुविधा मिलती है, इसके साथ ही 77% लोग ऑनलाइन भी डाक सेवा का फायदा उठाते हैं. 

2- दुनिया की पहली ऑफिशियल एयर मेल उड़ान भारत देश से शुरू हुई थी. 

3- 18 फरवरी 1911 को पहले ऑफिशियल मेल किया गया था. फ्रांसीसी पायलट ने एक बोरी भरकर डाक रखे थे, जिसमें लगभग 6000 कार्ड और पत्र द फ्लाइट की उड़ान भारत से शुरू हुई थी. 

4- आजाद भारत में पहली आधिकारिक डाक टिकट 21 नवंबर 1947 को जारी की गई थी 

5- जब भारत देश आजाद हुआ था, उस समय भारत में 23344 डाकघर थे. 

6- भारत आज विश्व का सबसे बड़ा पोस्ट नेटवर्क है. 

7- ए डाक टिकट में जय हिंद लिखा था और भारत के राष्ट्रीय ध्वज को दर्शाया गया था.