World largest Shivling: भारत के इस राज्य में मौजूद है विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग, अद्भुत स्थापत्य कला के लिए फेमस, लेकिन आज भी अधूरा

World largest Shivling: सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त शिवालयों में जाते हैं और महादेव का दर्शन करते हैं. इस दौरान भक्त उपवास रखते हैं और जलाभिषेक करते हैं. इस सावन के महीने हम आपको बताएंगे कि विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग कहां मौजूद है?

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Bhojeshwar Mahadev Mandir: सावन का महीना शिवभक्तों के लिए बेहद खास होता है, क्योंकि सावन माह में  महादेव पृथ्वी पर आते हैं. इस दौरान भगवान शिव (God Shiv) अपने भक्तों पर कृपा भी बरसाते हैं. ऐसे में भक्त भी भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उपवास करते हैं और कावड़ यात्रा निकाले हैं. वहीं सावन के महीने में शिवालयों में भी हर हर महादेव की गूंज होती है. ऐसे में आज हम आपको विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग (World largest Shivling) कहां मौजूद है ये बताएंगे. हालांकि ये मंदिर आज भी अधूरा है. 

यहां मौजूद है विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग

विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग भारत के दिल मध्य प्रदेश में मौजूद है. ये शिवलिंग मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 30 किलोमीटर भोजपुर (Bhojpur) में स्थित है, जिसे भोजेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है. भगवान शिव को समर्पित ये मंदिर करीब एक हजार साल पुराना है.

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भोजेश्वर महादेव मंदिर को सोमनाथ ऑफ द नॉर्थ भी कहा जाता है और यह उतर के सोमनाथ मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है.यह मंदिर वास्तुकला की भव्यता और इसका ऐतिहासिक महत्व आज भी लोगों को अपनी ओर आकर्षण करता है.

भोजेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण किसने कराया

भोजेश्वर महादेव मंदिर बेतवा नदी के किनारे स्थित है. इसका निर्माण मालवा क्षेत्र के शासक और परमार वंश के राजा भोज ने 11वीं शताब्दी के दौरान भोजपुर में कराया था. हालांकि इस मंदिर का निर्माण आज भी अधूरा है और लोग इसे अधूरे शिव मंदिर के नाम से जानते हैं.

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7.5 फीट की ऊंचाई पर स्थित है शिवलिंग

यह एक जीवंत मंदिर है जहां भक्त साल भर प्रार्थनाएं कर और अपनी मनोकामना लेकर यहां पहुंचते हैं. बता दें कि इस मंदिर में स्थित शिवलिंग की विशालता के कारण यहां के पुजारी को स्वयं सीढ़ी लगाकर ऊपर जाना होता है और फिर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं. यह मंदिर चार बड़े स्तंभों पर टिका हुआ है. वहीं शिवलिंग 7.5 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.

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जानें मंदिर की खासियत

11वीं सदी की मंदिर वास्तुकला का एक अद्वितीय उदाहरण है. शिवलिंग चिकने लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है. वहीं गर्भ गृह के विशाल तीर्थ स्थान पर भगवानों के जोड़े शिव-पार्वती, सीता-राम, लक्ष्मी-विष्णु भगवान, ब्रह्मा, सरस्वती की मूर्तियां स्थापित हैं. सामने की दीवार के अलावा बाकी तीन दीवारों पर कोई प्रतिमा स्थापित नहीं है. मंदिर की बाहरी दीवार पर यशो की मूर्ति भी देखने मिलती है.

भोजेश्वर महादेव मंदिर क्यों है अधूरा?

मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर को एक ही रात में बनाना था, लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने के पहले सूर्योदय हो गया. जिसके कारण इस मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हो पाया और ये आज भी अधूरा है. 

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