Women's Cricket Team: विश्व कप जीतने के बाद भारतीय महिला क्रिकेट टीम का सम्मान भोपाल में शानदार तरीके से हुआ. इस टीम में शामिल मध्य प्रदेश की बेटी क्रांति गौड़ ने अपने संघर्ष और जीत की कहानी से सबका दिल जीत लिया. कभी जिन लोगों ने उनके क्रिकेट खेलने पर हंसी उड़ाई थी, आज वही लोग उनकी तारीफ़ करते नहीं थक रहे. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खुद क्रांति और टीम को सम्मानित किया और कई बड़ी घोषणाएं भी कीं.
विश्व विजेता टीम का भोपाल में स्वागत
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 2025 वर्ल्ड कप जीतकर देश का नाम रोशन किया है. शुक्रवार को जब यह टीम मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंची, तो एयरपोर्ट पर उनका जबरदस्त स्वागत हुआ. ढोल-नगाड़ों और फूलों की बारिश के बीच खिलाड़ियों का अभिनंदन किया गया. इस मौके पर खेल विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे.
क्रांति गौड़ ने बताई अपनी कहानी
छतरपुर जिले के छोटे से गांव घुवारा की रहने वाली तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ ने बताया कि उन्हें शुरुआत से ही भरोसा था कि एक दिन वह टीम इंडिया की जर्सी जरूर पहनेंगी. उन्होंने कहा कि “जब मैं लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थी, तो लोग मजाक उड़ाते थे, लेकिन आज वही लोग मेरी तारीफ कर रहे हैं.” बुंदेलखंड की इस बेटी ने साबित कर दिया कि हौसले बुलंद हों, तो मंज़िल चाहे कितनी भी दूर क्यों न हो, हासिल की जा सकती है.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया सम्मानित
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार सुबह अपने निवास पर विश्व विजेता टीम और क्रांति गौड़ का सम्मान किया. मुख्यमंत्री ने क्रांति को 1 करोड़ रुपये का नकद इनाम दिया और उनके पिता की नौकरी की बहाली का आश्वासन भी दिया. उन्होंने कहा कि क्रांति जैसी बेटियां प्रदेश और देश का गौरव हैं, और सरकार उनके परिवार के साथ हर कदम पर खड़ी है.
छतरपुर में बनेगा स्टेडियम
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 15 नवंबर को जबलपुर में क्रांति गौड़ का विशेष सम्मान किया जाएगा. इसके साथ ही बिरसा मुंडा जयंती पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें अन्य खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया जाएगा. सीएम ने छतरपुर में स्टेडियम बनाने की भी घोषणा की है. वहीं, 7 नवंबर को क्रांति पहली बार विश्व कप जीतने के बाद अपने गांव घुवारा पहुंचेंगी. गांव में उनका भव्य स्वागत करने की तैयारियां जोरों पर हैं.
परिवार की मुश्किलें और उम्मीद की नई किरण
क्रांति के पिता मुन्ना सिंह, जो पुलिस विभाग में कांस्टेबल थे, वर्षों पहले सस्पेंड कर दिए गए थे. इसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई थी. उनके भाई मजदूरी और बस कंडक्टर का काम करके घर चलाते रहे. अब मुख्यमंत्री ने उनके पिता का सस्पेंशन रद्द करने का संकेत दिया है, जिससे परिवार में फिर से खुशियों की लहर दौड़ गई है.