वृन्दावन ग्राम योजना को दें गति: सीएम ने कहा – अब गांवों का विकास तेजी से दिखना चाहिए 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक में Vrindavan Gram Yojana, Rural Development India और ग्रामीण अधोसंरचना को तेज़ करने के निर्देश दिए. बैठक में MGNREGA Updates, Pradhan Mantri Awas Yojana, सड़क, स्वच्छता और आजीविका मिशन की उपलब्धियों पर चर्चा हुई.

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Vrindavan Gram Yojana: पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने साफ कहा कि अब समय आ गया है जब गांवों का विकास केवल योजनाओं में नहीं, ज़मीन पर दिखना चाहिए. उन्होंने विशेष रूप से मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना को गति देने के निर्देश दिए और कहा कि रोजगार, स्वच्छता, सड़क और बुनियादी सुविधाओं के विकास में पंचायतें मजबूत भूमिका निभाएं. सीएम ने यह भी कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य में गांवों की यह प्रगति सबसे बड़ी शक्ति बनेगी.

ग्राम विकास में पंचायतों की अहम जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम स्तर पर रोजगार सृजन, स्वच्छता और सड़कों का विस्तार ग्रामीण विकास की रीढ़ है. इन कदमों से आम आदमी के जीवन स्तर में बड़ा बदलाव आता है. उन्होंने जोर दिया कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग की योजनाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.

तकनीक से चलेंगी योजनाएं, निगरानी भी होगी मजबूत

सीएम ने निर्देश दिए कि योजनाओं के क्रियान्वयन में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग हो. उन्होंने कहा कि अद्यतन तकनीक से न केवल कार्य तेजी से होंगे, बल्कि उनकी मॉनीटरिंग भी बेहतर होगी. बैठक में विभाग की दो वर्षों की उपलब्धियों और प्राथमिकताओं का प्रेजेंटेशन भी दिया गया.

सभी संबंधित विभाग मिलकर करें समग्र ग्राम विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत विभाग के साथ कृषि, सहकारिता, मत्स्य पालन और ग्राम विकास से जुड़े अन्य विभाग मिलकर कार्य करें. इससे योजनाओं का असर अधिक व्यापक होगा. उन्होंने अर्ध-शहरी और बड़ी ग्राम पंचायतों के विकास के लिए समन्वित योजना बनाने को कहा.

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वृन्दावन ग्राम योजना को तेज़ी देने के निर्देश

डॉ. यादव ने स्पष्ट कहा कि वृन्दावन ग्राम योजना तेजी से आगे बढ़े. 155 विधानसभा क्षेत्रों में गांवों का चयन हो चुका है और अब इन्हें मॉडल ग्राम के रूप में विकसित करने की दिशा में व्यवहारिक कदम उठाने होंगे.

अधोसंरचना निर्माण में बड़े फैसले

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 922 करोड़ से अधिक की लागत से 2,472 ग्राम सेवा सदन स्वीकृत किए गए हैं. साथ ही 106 अटल सुशासन भवन और 5 अटल जिला सुशासन भवन भी मंजूर किए गए हैं. 855 करोड़ रुपए की लागत से 3,560 सामुदायिक भवनों के निर्माण को भी मंजूरी मिली है.

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नर्मदा परिक्रमा पथ और नदी उद्गम स्थलों का संरक्षण

231 आश्रय स्थलों और 89 नदियों के उद्गम स्थलों पर पौधरोपण और फेंसिंग के लिए 7 करोड़ 50 लाख रुपए स्वीकृत किए गए. यह कदम पर्यावरण संरक्षण और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा.

जल, रोजगार और सिंचाई में रिकॉर्ड कार्य

  • जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत 1,368 करोड़ रुपए के 60,428 कार्य किए गए.
  • मनरेगा में वर्ष 2024-25 में 1,897 लाख और 2025-26 में 1,404 लाख मानव दिवस सृजित किए गए.
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में 1,224 जल संरक्षण संरचनाएं बनीं और 6,170 हेक्टेयर वर्षा आधारित इलाके में सिंचाई सुविधा बनाई गई.

शिक्षा और पोषण योजनाओं का व्यापक लाभ

  • प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना में 2024-25 में 44.22 लाख और 2025-26 में अब तक 37.23 लाख विद्यार्थी लाभान्वित हुए.
  • यशोदा दुग्ध प्रदाय योजना के तहत आंगनवाड़ी और कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को पौष्टिक नाश्ता देने की तैयारी जारी है.

आजीविका मिशन में महिलाओं और युवाओं को बड़ा फायदा

  • राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में 11.27 लाख परिवार ‘लखपति दीदी' श्रेणी में दर्ज हुए.
  • 19,995 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण और 16,975 को रोजगार मिला.
  • 65 हजार युवा स्वरोजगार से जुड़े और 2.36 लाख समूहों को 5,658 करोड़ रुपए का बैंक लिंकेज प्रदान किया गया.

प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण में एमपी देश में नंबर-1

11.72 लाख के लक्ष्य के मुकाबले 11.46 लाख आवास स्वीकृत कर मध्यप्रदेश ने देश में प्रथम स्थान हासिल किया.

स्वच्छता मिशन में व्यापक उपलब्धियां

  • 2,87,279 पारिवारिक शौचालय और 1,417 सामुदायिक स्वच्छता परिसर बनाए गए.
  • 16,056 ग्राम ठोस अपशिष्ट प्रबंधित घोषित हुए और गोबरधन योजना में 73 बायोगैस संयंत्र बने.

ग्रामीण सड़क विकास में बड़ी प्रगति

मुख्यमंत्री मजरा-टोला सड़क योजना में 21,630 करोड़ रुपए लागत की 30,900 किमी सड़कों को मंजूरी दी गई. इससे दूरस्थ गांवों की कनेक्टिविटी मजबूत होगी.

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नवाचार: उपग्रह, ड्रोन और एआई से बदलता ग्रामीण तंत्र

  • सम्पर्कविहीन बस्तियों की पहचान उपग्रह चित्रों और मोबाइल ऐप से की जा रही है.
  • ‘एक बगिया मां के नाम' परियोजना की निगरानी ड्रोन से हो रही है.
  • ग्राम पंचायतों की योजना बनाने के लिए सिपरी सॉफ्टवेयर और मॉनीटरिंग के लिए एआई डैशबोर्ड का उपयोग किया जा रहा है.

स्व-सहायता समूहों की क्षमता बढ़ाने पर जोर

  • नक्सल प्रभावित जिलों में विकेंद्रीकृत कौशल प्रशिक्षण शुरू किया गया है.
  • एलआईसी के सहयोग से 1,258 समूहों को बीमा सखी बनाया गया है.
  • प्रशिक्षण गतिविधियां अब लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम पर चल रही हैं.

अगले तीन वर्षों की प्रमुख योजनाएं

  • सभी स्वीकृत गतिविधियों को समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाएगा.
  • पंचायतों की आय बढ़ाने के लिए नए स्रोत तलाशे जाएंगे.
  • वृन्दावन ग्राम योजना के हर गांव को मॉडल ग्राम बनाया जाएगा.
  • ग्रामीण क्षेत्रों में कॉलोनियों के रजिस्ट्रेशन और डेवलपमेंट की अनुमति ऑनलाइन पोर्टल से होगी.
  • मुख्यमंत्री सुगम संपर्कता परियोजना के तहत दोहरी कनेक्टिविटी लागू की जाएगी.
  • स्वच्छता के लिए सोशल मीडिया आधारित जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.