Sansad Khel Mahotsava: राजनीति के पिच पर वर्षों से छाए रहे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा में एक ऐसा जलवा दिखाया कि जनता और खिलाड़ियों दोनों का दिल जीत लिया. सांसद खेल महोत्सव के समापन समारोह में बल्ला हाथ में लेते ही उन्होंने क्रिकेट की पिच पर चौकों-छक्कों की बारिश कर दी और साबित कर दिया कि खेल और जोश दोनों में उनका दबदबा कायम है.
शिवराज सिंह चौहान जब विदिशा के सांसद खेल महोत्सव के समापन समारोह में पहुंचे, तो वहां के खिलाड़ी और दर्शक पहले से तैयार खड़े थे. आयोजकों ने उन्हें मंच से संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन शिवराज ने मंच पर भाषण देने के बजाय सीधे मैदान की ओर कदम बढ़ाया. उन्होंने कहा कि खेल सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं है—यह ऊर्जा, आत्मविश्वास और समुदाय को जोड़ने का माध्यम भी है. यही सोच उन्हें मैदान पर उतरने के लिए प्रेरित करती है.
तालियों और नारों से गूंज उठा मैदान
जैसे ही शिवराज सिंह चौहान ने बल्ला थामा, पूरा मैदान तालियों और नारों से गूंज उठा. पहले ही ओवर में एक शानदार चौका लगा दिया.
उसके बाद एक के बाद एक दमदार छक्के,हर शॉट पर दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट होती रही. उनका यह अंदाज़ देखकर आसपास खड़े खिलाड़ियों और युवा क्रिकेट प्रेमियों का उत्साह चरम पर पहुंच गया.
राजनीति की पिच से खेल की पिच तक
राजनीति में शिवराज सिंह चौहान को एक अनुभवी खिलाड़ी के रूप में देखा जाता है. उन्होंने कई चुनावी मुकाबलों में अपनी काबिलियत साबित की है और जनता के समर्थन से लगातार सफलता पाई है. लेकिन खेल के मैदान में उतरे उनका यह कदम कुछ नया था — और जनता ने इसे भरपूर सराहा.
उनके इस व्यवहार ने यह संदेश दिया कि विकास, खेल और राजनीति—तीनों का संतुलन संभव है, बशर्ते नेता जनता के बीच आएं और सीधे जुड़ें. शिवराज ने मनरेगा योजना का नाम बदलना केंद्र की सरकार का ऐतिहासिक कदम बताया.
समारोह के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री ने मनरेगा से जुड़ा एक महत्वपूर्ण बयान भी दिया. उन्होंने कहा कि मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) में लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस योजना को और मजबूत किया गया है, और अब इसका नाम बदलकर “राम जी” रखा गया है.
जनता और खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया
शिवराज सिंह चौहान के इस क्रिकेटी अंदाज़ पर जनता ने सोशल मीडिया और मैदान दोनों जगह अपनी प्रतिक्रियाएं दीं. युवा खिलाड़ियों ने कहा कि इससे उन्हें प्रेरणा मिली.दर्शक बोले कि यह राजनीति के अलावा खेल के प्रति भी उनका समर्पण दर्शाता है.कई समर्थकों ने इस कदम को जनसेवा का अभिनव तरीका बताया.
राजनीति, खेल और भावनाओं का संगम
शिवराज सिंह चौहान ने इस कार्यक्रम के ज़रिए यह दिखा दिया कि एक नेता सिर्फ भाषण देने के लिए मंच पर नहीं खड़ा हो सकता.बल्कि वह जनता के बीच आकर, खेल में भाग लेकर सीधे जुड़ सकता है.उनका यह कदम न केवल स्थानीय जनता में उत्साह भरने वाला रहा, बल्कि राजनीतिक शैली से परे एक मानवीय जुड़ाव का उदाहरण भी पेश करता है.
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