Ex MLA Comment: जब सत्ता की कुर्सी बदलती है, तो उम्मीदें भी बदलती हैं. लेकिन, जब सत्ता में आने के बाद ही कोई नेता उसी सत्ता पर उंगली उठाए, तो सवाल छोटा नहीं रह जाता... मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा (Vidisha) से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व विधायक शशांक भार्गव (Shashank Bhargav) ने अपनी ही पार्टी की सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. कभी कांग्रेस की ज़ुबान थे, अब भाजपा के नेता हैं, लेकिन बात वही पुरानी - सवाल सत्ता पर, कटाक्ष सरकार पर... पूर्व विधायक शशांक भार्गव ने विदिशा में जमीन घोटालों को लेकर बड़ा आरोप लगाया है.
पूर्व विधायक शशांक भार्गव
क्या कहा पूर्व विधायक शशांक भार्गव ने?
विदिशा में जमीन घोटाले मामले को लेकर पूर्व विधायक शशांक भार्गव ने कहा, "सरकार की कृपा सिर्फ अधिकारियों पर है. बीते 15-20 सालों में इंडस्ट्री एरिया की जमीनें तक बेच डाली गईं. सड़क, पानी की टंकी, यहां तक कि ग्रीन बेल्ट तक को नहीं छोड़ा. जमीनें कौड़ियों के भाव बांटी गईं. सरकार में बैठे नुमाइंदे सब जानते थे, पर हटाया किसी को नहीं गया."
अवैध निर्माण पर प्रशासन मौन
जिले के पीतलमील चौराहे के पास चिन्हित की गई 65 बीघा जमीन पर अब न उद्योग हैं, न अनुशासन... पेड़ काटकर अवैध कब्जे, टीन शेड के अस्थायी ढांचे और दुकानों का गैरकानूनी किराया कारोबार जारी है. औद्योगिक क्षेत्र की बाउंड्री तोड़ी जा चुकी है. सड़क किनारे पक्की दुकानें बना दी गई हैं और विभाग मौन तमाशबीन बना है. सवाल यह है कि यह सब बिना किसी ‘संरक्षण' के कैसे संभव है?
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महाप्रबंधक ने क्या कहा?
अशोक श्रीवास्तव, महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं औद्योगिक केन्द्र ने पूरे मामले को लेकर कहा, "हमने मामले को गंभीरता से लिया है. कब्जे और पेड़ों की कटाई पर कार्रवाई होगी. जांच दल बना दिया गया है और नोटिस जारी किए जा रहे हैं."
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