Tikamgarh Election Results 2023: टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश) विधानसभा क्षेत्र को जानें

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल मिलाकर 200882 मतदाता थे, जिन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी राकेश गिरि को 66958 वोट देकर जिताया था. उधर, कांग्रेस उम्मीदवार यादवेंद्र सिंह "जग्गू भैया" को 62783 वोट हासिल हो सके थे, और वह 4175 वोटों से हार गए थे.

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मध्य प्रदेश में एक ही चरण में 17 नवंबर को मतदान करवाया जाएगा, और मतगणना, यानी चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Assembly Elections 2023) राज्य में बुंदेलखंड क्षेत्र के टीकमगढ़ जिले में टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र है, जो अनारक्षित है. पिछले विधानसभा चुनाव, यानी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल मिलाकर 200882 मतदाता थे, जिन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी राकेश गिरि को 66958 वोट देकर जिताया था. उधर, कांग्रेस उम्मीदवार यादवेंद्र सिंह "जग्गू भैया" को 62783 वोट हासिल हो सके थे, और वह 4175 वोटों से हार गए थे.

इसी तरह वर्ष 2013 में टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी के के श्रीवास्तव को जीत हासिल हुई थी, और उन्होंने 57968 वोट हासिल किए थे. इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार यादवेंद्र सिंह को 41079 वोट मिल सके थे, और वह 16889 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रहे थे.

इससे पहले, टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी यादवेंद्र सिंह ने कुल 36890 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी, और बीजेएसएच उम्मीदवार उमा भारती दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें 27062 मतदाताओं का समर्थन हासिल हो सका था, और वह 9828 वोटों के अंतर से विधानसभा चुनाव हार गए थे.

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गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव, यानी विधानसभा चुनाव 2018 में मध्य प्रदेश में 114 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खाते में 109 सीटें आई थीं. बाद में कांग्रेस ने 121 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल के सामने पेश किया और कमलनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली. लेकिन डेढ़ साल में ही राज्य में नया राजनीतिक तूफ़ान खड़ा हो गया, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक 22 विधायकों के साथ BJP में शामिल हो गए. इससे BJP के पास बहुमत हो गया और शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गए. हालांकि इसके बाद राज्य में 28 सीटों पर उपचुनाव हुए और BJP 19 सीट जीतकर मैजिक नंबर के पार जा पहुंची. फिलहाल शिवराज सिंह 18 साल की अपनी सरकार की एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अगला कार्यकाल हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं, और BJP ने अपने सारे दिग्गजों को मैदान में उतार दिया है. दूसरी तरफ, कांग्रेस एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर पर सवार होकर सत्ता पाने का सपना संजोए हुए है. पार्टी को लगता है कि उसके लिए इस बार संभावनाएं पहले से अच्छी हैं. अब कामयाबी किसे मिलती है, यह तो चुनाव परिणाम ही तय करेंगे.

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